मुजफ्फरपुर. पूर्वी चंपारण के रक्सौल स्थित एक ट्रांसपोर्ट एजेंसी से जाली नोट की खेप जब्त मामले में पटना स्थित एनआइए की विशेष कोर्ट ने गिरफ्तार नेपाली मूल के तस्कर मो़ अली अख्तर अंसारी को विशेष कोर्ट ने दो धाराओं में सजा मुकर्रर की है. यूएपी एक्ट के तहत 20 साल का सश्रम कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माना की सजा दी है. इसके अलावा धारा 489बी के तहत 10 साल का सश्रम कारावास और 25 हजार जुर्माना लगाया है. बीते 18 जुलाई को पटना स्थित एनआइए की विशेष कोर्ट ने मो़ अली अख्तर अंसारी को दोषी करार दिया था.
केस रिकॉर्ड के मुताबिक, गुप्त सूचना पर रक्सौल पुलिस ने 30 सितंबर 2015 को एक ट्रांसपोर्ट एजेंसी के बाहर 25 लाख रुपये से भरा पार्सल के साथ नेपाल के मो़ अली अख्तर अंसारी और अबी मोहम्मद उर्फ नबी मोहम्मद को गिरफ्तार किया था. इसके बाद मार्च 2016 में इस मामले में एनआइए ने दोबारा केस दर्ज किया.
जांच के बाद मामले में 2016 और 2017 में अली अख्तर और नबी मोहम्मद के खिलाफ क्रमश: एनआइए की विशेष कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था. फिलहाल नबी मोहम्मद के खिलाफ जांच जारी है. वहीं अली अख्तर अंसारी को विशेष एनआइए कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर 18 जुलाई को दोषी करार दिया है.
एनआइए ने जांच में बताया कि एक पाकिस्तानी नागरिक सैयद मोहम्मद शाफी ने उक्त पार्सल भेजा था. पार्सल इंटरनेशलन कुरियर सर्विस के माध्यम से बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल स्थित एक ट्रांसपोर्ट एजेंसी में आया था, जो अबी मोहम्मद के नाम से था. उस वक्त सैयद मोहम्मद शाफी यूएइ में रहता है और वहीं से जाली नोट का पार्सल इंडिया में भेजा था.