बिहार: भागलपुर वालों सावधान! सर्वे टीम ने ढूंढ लिया डेंगू का बसेरा, आपके घर में यहां पनप रहे जानलेवा मच्छर..

भागलपुर में डेंगू का सर्वे करने आयी टीम भी तब दंग रह गयी जब कुछ इलाकों में पीने के साफ पानी में भी डेंगू का लार्वा भारी संख्या में मिला. टीम ने सतर्क किया है कि साफ पानी में भी हजारों डेंगू के मच्छर पनप रहे हैं. भागलपुर में डेंगू के 125 से अधिक मरीज मिल चुके हैं. दो मरीजों की मौत हो चुकी है.

By ThakurShaktilochan Sandilya | September 7, 2023 10:56 AM

Bihar Dengue News: भागलपुर में डेंगू मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. जिले में बुधवार को डेंगू के 54 नये मरीज की पहचान हुई. बिहार में अब डेंगू का आंकड़ा 400 के करीब पहुंच रहा है. जबकि भागलपुर की बात करें तो 130 से अधिक डेंगू मरीज यहां मिल चुके हैं. डेंगू के दो मरीजों की मौत भी भागलपुर (Bhagalpur Dengue) में हो चुकी है. प्रभात खबर ने जब स्थानीय JLNMCH अस्पताल में डेंगू मरीजों की भीड़ और जमीन पर गद्दा बिछाकर इलाज करवाने की मजबूरी प्रमुखता से दिखायी थी तो जिलाधिकारी सुब्रत सेन और स्वास्थ्य विभाग के एडिशनल डायरेक्टर निरीक्षण करने मायागंज स्थित अस्पताल पहुंचे थे. वहीं केंद्रीय एजेंसी आरएमआरआई पटना की तीन एंटोमोलॉजिस्ट की टीम भागलपुर पहुंची और शहर में डेंगू के लार्वा का सर्वे किया तो जो खुलासे हुए वो दंग कर देने वाले हैं.

केंद्रीय एजेंसी सर्वे करने पहुंची..

भागलपुर में तेजी से फैल रहे डेंगू बीमारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग पटना के वेक्टर बॉर्न डिजिज के एडिशनल डायरेक्टर डॉ.अशोक कुमार मंगलवार देर शाम को मायागंज अस्पताल पहुंचे. एडिशनल डायरेक्टर ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी आरएमआरआई पटना की तीन एंटोमोलॉजिस्ट की टीम भागलपुर पहुंची है.जो अस्पताल समेत शहर के मुहल्लों में डेंगू के लार्वा का सर्वे करेगी. मंगलवार को मायागंज के मुस्तफापुर समेत अन्य इलाके से सैंपल लिया गया. बुधवार को नाथनगर व सबौर में लार्वा का सर्वे हुआ. मायागंज के कई घरों में साफ पानी में हजारों की संख्या में डेंगू का लार्वा मिला है.

एक लार्वा से बनते हैं सैंकड़ो मच्छर , रहिए सतर्क..

एडिशनल डायरेक्टर ने मायागंज अस्पताल के डेंगू वार्ड का निरीक्षण भी किया. उन्होंने बताया कि वर्तमान में भयावह स्थिति है. पीने के साफ पानी में डेंगू का लार्वा मिल रहा है. सैंपल टीम को पता चला कि नगर निगम के नल में पानी कम आने से लोग घरों में पानी को बर्तन में जमा करके रखते हैं. उन्होंने लोगों से ऐसा नहीं करने की अपील की. आपके घर भी डेंगू का मच्छर उसी पानी से पनप सकता है. मायागंज के मुस्तफापुर के लोगों को सर्वे टीम ने बताया कि एक लार्वा से 200 प्यूपा और 400 मच्छर बनते हैं. तीन दिन तक जमा पानी में लार्वा पनपने लगता है. मिल रहे लार्वा की मात्रा के आधार पर छिड़काव का प्लान बनेगा.

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पीने के पानी में जमा होगी मुसीबत, नहीं करें ये काम..

स्वास्थ्य विभाग पटना की टीम ने दूसरे दिन बुधवार को भी मच्छरों के लार्वा की खोज के लिए अभियान चलाया. बुधवार को नाथनगर व सबौर में सर्वे किया गया. 24 घंटे के अंदर 375 घरों में जाकर लार्वा को ढूंढा गया. इनमें से 71 घरों में डेंगू मच्छर के लार्वा के सैंपल मिले. सर्वे तिलकामांझी, जवारीपुर कोल्ड स्टोरेज एरिया, भीखनपुर, चंपानगर बड़ी मस्जिद के पास बुनकरों के मुहल्ला समेत नाथनगर के विभिन्न इलाके में हुआ. बुधवार को 330 घरों का सर्वे हुआ तो वहीं, मंगलवार को 45 घरों में सर्वे हुआ था. टीम को पीने के साफ पानी में डेंगू का लार्वा मिल रहा है. सैंपल टीम को पता चला कि नगर निगम के नल में पानी कम आने से लोग घरों में पानी को बर्तन में जमा करके रखते हैं. उन्होंने लोगों से ऐसा नहीं करने की अपील की. आपके घर भी डेंगू का मच्छर उसी पानी से पनप सकता है.

भागलपुर में डेंगू से दो लोगों की मौत

बता दें कि भागलपुर में डेंगू का कहर सबसे अधिक देखने को मिल रहा है. 17 अगस्त को मायागंज अस्पताल के 42 वर्षीय डेंगू मरीज की मौत हुई थी. जो तिलकामांझी क्षेत्र के रहने वाले थे. वहीं अब 6 अगस्त यानी बुधवार को तिलकामांझी की ही एक डेंगू पीड़ित बच्ची की मौत हो गयी है. 125 से अधिक लोग भागलपुर में डेंगू की चपेट में आ चुके हैं. ताजा हाल बताया जाए तो केवल बुधवार को 54 मरीज मिले हैं.

भागलपुर में साफ-सफाई की व्यवस्था बदहाल

शहर में डेंगू तेजी से फैल रहा है, कई लोग मायागंज अस्पताल में भर्ती हैं, तो कई अपने घरों में इलाज करवा रहे हैं. इस कहर से शहर को बचाने के लिए नगर निगम ने रोस्टर के अनुसार डेंगू मच्छर के लार्वा को मारने वाली दवा और फॉगिंग मशीन से सामान्य मच्छर को मारने का दावा कर रहा है. दावे की हवा शहर की जनता निकाल दे रही है. शहर के लोगों का कहना है रोस्टर सिर्फ बड़े लोगों व पदाधिकारियों के घर तक ही सीमित है. आम जनता के लिए रोस्टर आज तक बना ही नहीं है. यह बात सच है कि निगम का रोस्टर वार्ड के गली- मोहल्ले तक नहीं पहुंच पा रहा है. जिससे लोगों में काफी आक्रोश है. शहर की सफाई व्यवस्था पर निगम की ओर से हर माह एक करोड़ रुपये से अधिक का खर्च होता है, लेकिन कोने-कोने में गंदगी दिख रही है.

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