पटना-देवघर हवाई सेवा चल रही घाटे में, 72 सीटर विमान में 32-35 यात्री ही कर रहे यात्रा
पहले दिन पटना-देवघर हवाई सेवा से केवल 12 यात्री देवघर से पटना आये और 18 यहां देवघर गये. उसके बाद भी आने जाने वाले हवाई यात्रियों की संख्या अधिक नहीं बढ़ी और अधिकतम बुकिंग 45 रही.
अनुपम कुमार, पटना. बीते 26 मार्च से पटना से देवघर की विमान सेवा शुरू हो गयी है, लेकिन इस मार्ग पर सेवा उपलब्ध करवाने वाली विमान कंपनी इंडिगो एयरलाइंस को पहले ही दिन से यात्री की कमी का सामना करना पड़ रहा है. नया रूट हाेने के कारण यात्रियों की संख्या सीमित होने का पूर्वानुमान कर इंडिगो एयरलाइंस ने इस रुट पर 180 सीटर बोईंग या एयरबस की बजाय 72 सीटर एटीआर ही चलाने का निर्णय किया, लेकिन वह भी नहीं भर पा रहा है.
कभी कभी संख्या घट कर रह जा रही महज 10-12
पहले दिन इससे केवल 12 यात्री देवघर से पटना आये और 18 यहां देवघर गये. उसके बाद भी आने जाने वाले हवाई यात्रियों की संख्या अधिक नहीं बढ़ी और अधिकतम बुकिंग 45 रही. बीते शुक्रवार को वहां से आने वालों की संख्या घट कर महज 10 रह गयी. पटना से जिन 13 महानगरों की सीधी हवाई सेवा है उनमें यह सबसे कम है. इससे सेवा प्रदाता एयरलाइंस के लिए परिचालन व्यय निकालना भी मुश्किल हो रहा है और घाटे में हवाई सेवा चल रही है.
छोटे महानगरों में भी देवघर की सबसे कम अक्युपेंसी रेट
पटना से देवघर के अलावा पांच अन्य छोटे महानगरों भुवनेश्वर, लखनऊ, रांची , गुवाहाटी और अमृतसर के लिए सीधी हवाई सेवा है. इनमें भुवनेश्वर, लखनऊ, रांची और अमृतसर के लिए 180 सीटर विमान चल रहे हैं जबकि देवघर और गुवाहाटी के लिए 72 सीटर एटीआर विमान हैं. इनमें देवघर, भुवनेश्वर, लखनऊ और रांची के लिए इंडिगो एयरलाइंस की विमान सेवा है जबकि अमृतसर के लिए स्पाइसजेट और गुवाहाटी के लिए फ्लाईबिग की हवाई सेवा है.
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प्रभात खबर की टीम ने चालू सप्ताह के बीते तीन दिनों (सोमवार, बुधवार और शुक्रवार जिस दिन पटना से देवघर की हवाई सेवा है) के इन छोटे छोटे महानगरों और नगरों को जाने वाले हवाई सेवा के अक्युपेंसी रेट का विश्लेषण किया और पाया कि अन्य सभी जगहों के एयर ट्रैफिक की तुलना में देवघर रूट की अक्युपेंसी रेट सबसे कम है.