‘जान दे देंगे पर मंदिर नहीं टूटने देंगे’, पटना यूनिवर्सिटी के छात्रों ने मंदिर बचाने के लिए निकाली रैली

पटना के अशोक राजपथ पर डबल डेकर फ्लाईओवर के निर्माण को लेकर 300 साल पुराने ब्रह्मस्थान दुर्गा मंदिर को तोड़ा जाना है. जिसके बचाने के लिए पटना विश्वविद्यालय के छात्र नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही छात्रों ने पुतला दहन करते हुए मंदिर को बचाने की मांग की.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 22, 2023 2:43 AM
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पटना के अशोक राजपथ पर पटना कॉलेज के पास स्थित 300 साल पुराने ब्रह्मस्थान दुर्गा मंदिर को टूटने से बचाने को लेकर पटना विश्वविद्यालय के छात्र नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही छात्रों ने पुतला दहन करते हुए मंदिर को बचाने की मांग की. छात्रों ने कहा कि दुर्गा ब्रह्मस्थान दुर्गा मंदिर जहां है, वहीं रहना चाहिए. अगर प्रशासन इसे तोड़ने का प्रयास करता है, तो इसका परिणाम प्रशासन को भुगतना पड़ेगा.

सैकड़ों छात्र विरोध प्रदर्शन में शामिल

छात्र नेताओं ने कहा कि यह मंदिर प्राचीन व ऐतिहासिक है. कॉलेज के छात्र जब भी परीक्षा देने जाते हैं, यहां पर माथा टेकते हैं और माता का आशीर्वाद लेते हैं. संजय सिंह सहित पीयू के छात्र नेता रितिक राज, नीतीश पटेल, रवि करण, शशि कुमार समेत सैकड़ों छात्र विरोध प्रदर्शन में शामिल रहे.

अंग्रेजों ने भी किया था मंदिर हटाने का प्रयास 

वहीं मंदिर के संरक्षक संजय सिंह ने कहा था कि देश की आजादी से पहले अंग्रेजों ने मंदिर को हटाने का प्रयास किया था. लोगों के विरोध व भावनाओं को देखते हुए निर्णय वापस लिया गया था. उन्होंने कहा कि डबल डेकर फ्लाइओवर का विरोध नहीं कर रहे हैं. लेकिन धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना उचित नहीं है. फ्लाइओवर के निर्माण में पहले बनाये गये नक्शे में मंदिर रुकावट नहीं था. पुल निर्माण का कार्य बढ़ने पर सुविधानुसार नक्शा बदला गया. उन्होंने कहा कि मंदिर को बचाने के लिए पहले भी कलश यात्रा निकालने के साथ अखंड कीर्तन हुआ था. मंदिर को बचाने के लिए डीएम व पुल निर्माण निगम के अधिकारी से आग्रह किया गया है.

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विरोध में आमरण अनशन 

बीते बुधवार से संजय सिंह के नेतृत्व में लोगों ने मंदिर को बचाने के लिए आमरण अनशन शुरू किया था. जो अभी भी जारी है. आमरण अनशन शुरू करने से पहले संजय सिंह ने माता दुर्गा की पूजा-अर्चना की थी. मंदिर के मुख्य पुजारी संजय पांडेय ने माल्यार्पण कर अनशन शुरू कराया. इसके बाद स्थानीय महिलाओं ने भी पूजा-अर्चना कर भजन-कीर्तन किया. स्थानीय लोगों ने प्रशासन व सरकार से मंदिर को यथावत रहने देने का आग्रह किया.

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