पटना यूनिवर्सिटी ने NIRF के लिए आवेदन जमा किया, इन मापडंडों के आधार पर मिलता है रैंकिंग
पटना विवि के कुलपति पो. गिरीश कुमार चौधरी ने कहा कि एनआईआरएफ रैंकिंग के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा किया गया है. सभी डाटा को विशेषज्ञों की सलाह पर बेहद सावधानी से भरा गया है.
Bihar news: पटना विश्वविद्यालय ने नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क के लिए आवेदन किया है. बता दें कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय हर वर्ष शैक्षणिक जगत से जुड़ी रिपोर्ट को सार्वजनिक करती है. इस रिपोर्ट को एआईआरएफ कहा जाता है. बता दें कि विवि ने साल 2022 में एआईआरएफ रिपोर्ट के लिए आवेदन ही जमा नहीं किया था. जिसके बाद यह खबर बिहार मीडिया की सुर्खियों में रहा था.
इन मापडंडों के आधार पर मिलता है रैंकिंग
एनआईआरएफ की कैटेगरी में 11 तरह की पढ़ाई वाले शैक्षणिक संस्थान आते हैं. एनआईआरएफ पांच मापदंडों के आधार पर रैंकिंग में संस्थानों को जगह देता है. यह मापडंड टीचिंग, लर्निंग एंड रिसोर्सेज, रिसर्स एंड प्रोफेशनल प्रैक्टिस, ग्रेजुएशन आउटकम्स ,आउटरीच एंड इनक्लूसिविटी और पीर परसेप्शन है.
इन कैटेगरी के संस्थान को किया जाता है रिपोर्ट में शामिल
-
इंजीनियरिंग
-
ओवरऑल यूनिवर्सिटी
-
मैनेजमेंट
-
मेडिकल
-
लॉ
-
आर्किटेक्चर
-
डेंटल
-
रिसर्च
-
फॉर्मेसी
पटना विवि को मिलेगी बेहतर रैंकिग- कुलपित
इस मामले को लेकर पटना विवि के कुलपति पो. गिरीश कुमार चौधरी ने कहा कि एनआईआरएफ रैंकिंग के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा किया गया है. सभी डाटा को विशेषज्ञों की सलाह पर बेहद सावधानी से भरा गया है. कुलपित ने आशा जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पटना विवि को एनआईआरएफ में बेहतर रैंकिंग प्राप्त होगी.
2022 में विवि ने रैंकिंग के लिए नहीं किया था आवेदन
गौरतलब है कि बीते साल केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल इंस्टीट्यूशन रैंकिंग फ्रेमवर्क यानि एनआईआरएफ की रिपोर्ट जारी की, जिसमें बिहार को काफी निराशा और मायूसी हाथ लगी. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि एआईआरएफ की रैंकिंग में टॉप 100 संस्थानों में बिहार के कोई भी विश्वविद्यालय या कॉलेज जगह नहीं बना सके. यहां तक कि ईस्ट का आक्सफोर्ड कहे जाने वाली पटना यूनिवर्सिटी ने तो एआईआरएफ के लिए अप्लाई ही नहीं किया था.