मानसून की बारिश में डूबेंगे पटना के ये मोहल्ले, नगर निगम की बढ़ी चिंता, जानिए कौन सी लापहरवाही पड़ेगी भारी..
बिहार की राजधानी पटना में मानसून की बारिश पड़ते ही कई मोहल्ले जलमग्न हो जाएंगे. नगर निगम को अब इसकी चिंता सता रही है. इसके पीछे की वजह एक नहीं बल्कि दो प्रोजेक्ट है. जिसके काम में लापरवाही के कारण अब ऐसी चिंता सामने आ गयी है.
Patna News: पटना मेट्रो को लेकर राजधानी के लोगों में उत्साह है लेकिन अब मेट्रो निर्माण कार्य में हो रही लापरवाही की वजह से पटना के लोगों को इस मानसून में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.न्यू बाइपास नाले की उड़ाही पर मेट्रो निर्माण से जुड़ी एजेंसी की टालमटोल भारी पड़ सकती है. समय से और ठीक तरह उड़ाही नहीं होने पर मानसूनी बारिश में बाइपास के दोनों ओर बसे कई मोहल्लों के डूबने की आशंका बनी है. वहीं अब पटना नगर निगम की ओर से खुद ही नाले की उड़ाही शुरू की गयी है.
मेट्रो के निर्माण कार्य के दौरान लापरवाही
लगभग एक महीना पहले नगर विकास और आवास विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुणिश चावला और नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर द्वारा न्यू बाइपास नाले और योगीपुर नाले के निरीक्षण के क्रम में यह पाया गया था कि मेट्रो के निर्माण कार्य के कारण दोनों नालों का एक बड़ा हिस्सा प्रभावित हुआ है. वहां न केवल मिट्टी भर गयी है, बल्कि पानी बहने का अस्थायी मार्ग बनाने के लिए नाले में बड़े बड़े ह्यूम पाइप डाल दिये गये हैं. कई जगह सरिया जैसे अन्य भारी निर्माण सामग्री के भी निर्माण कार्य के दौरान नाले में चले जाने की बात सामने आयी, जिसे नाले से बाहर कर उसकी सफाई करना नगर निगम के लिए अपने स्रोतों से बहुत मुश्किल था. इसे देखते हुए मेट्रो निर्माण करने वाली एजेंसी ने बाइपास नाले और योगीपुर नाले की अप्रैल अंत तक सफाई कर नगर निगम को सौंपने की बात कही.
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काम टाल रही एजेंसी, नगर निगम ने थामा मोर्चा..
तय अवधि से एक सप्ताह अधिक बीत जाने के बावजूद अब तक न तो न्यू बाइपास नाले की सफाई पूरी हुई है और न योगीपुर नाले की. मेट्रो निर्माण करने वाली एजेंसी इसे टाल रही है या कहीं कहीं केवल तीन-चार मजदूर लगाकर काम शुरू करने का दावा कर रही है. इसे देखकर अब नगर निगम ने खुद बाइपास नाले की उड़ाही शुरू की .
नमामि गंगे प्रोजेक्ट के लिए सड़कों को खोदा गया, बढ़ेगी मुसीबत
शहर में बारिश के मौसम में लोगों की फजीहत बढ़ सकती है. नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत सीवरेज के लिए शहर की प्रमुख सड़कों को खोद कर काम किया जा रहा है. बोरिंग कैनाल रोड, बोरिंग रोड, ब़ुद्धा कॉलोनी, शास्त्रीनगर, कंकड़बाग आदि 10 पॉश इलाकों की सड़कें सीवरेज के लिए खोदी गयी हैं. काम की सुस्त रफ्तार के कारण मानसून के आने तक काम पूरा होने की संभावना नहीं है.
जलजमाव के साथ कीचड़ होने से परेशानी बढ़ेगी
मानसून के 15 जून से पहले आने की संभावना है. ऐसे में खोदी गयी सड़कों को दुरुस्त करने पर उन इलाके में जलजमाव के साथ कीचड़ होने से लोगों की परेशानी बढ़ेगी. पथ निर्माण विभाग के सूत्र ने बताया कि 25 मई तक काम पूरा हो या नहीं हो, काम रुकवा दिया जायेगा, ताकि खोदी गयी सड़कों को मानसून आने से पहले दुरुस्त किया जा सके. वहीं, बुडको के सूत्र ने बताया कि मुहल्ले में लोगों द्वारा कई तरह के काम समय से शुरू नहीं करने देने से परेशानी होती है. इससे समय पर काम नहीं हो पाता है.
यहां खोदी गयी हैं सड़कें :
बोरिंग कैनाल रोड, बुद्धा कॉलोनी में काली मंदिर के पास, पटेल नगर, कंकड़बाग में रोड संख्या एक, दो व तीन, रामलखन पथ, आरएमएस कॉलोनी व बोरिंग रोड.