1.17 लाख पंच-सरपंच मतदान से हैं वंचित

बिहार विधान परिषद की 24 सदस्यों का निर्वाचन स्थानीय प्राधिकार के सदस्यों द्वारा किया जाता है. स्थानीय प्राधिकार के मतदाताओं में अभी तक राज्य के करीब एक लाख 17 हजार पंच और सरपंच वंचित हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | January 16, 2025 1:03 AM

विप चुनाव: स्थानीय प्राधिकार के सदस्य के नाते मतदाता बनाने की मांग पर नहीं हुई कोई पहल शशिभूषण कुंवर,पटना बिहार विधान परिषद की 24 सदस्यों का निर्वाचन स्थानीय प्राधिकार के सदस्यों द्वारा किया जाता है. स्थानीय प्राधिकार के मतदाताओं में अभी तक राज्य के करीब एक लाख 17 हजार पंच और सरपंच वंचित हैं. पंच-सरपंचों की मांग पर पंचायती राज विभाग ने भारत निर्वाचन आयोग को पत्र भेजा है. अभी तक इस दिशा में कोई पहल नहीं की गयी है. देश में बिहार इकलौता राज्य है जहां पर ग्राम पंचायतों के साथ ग्राम कचहरी स्थानीय निकायों के साथ काम करती है. पंच-सरपंच संघ की लंबे समय से यह मांग रही है कि उनको भी समानता के अधिकार के तहत विधान परिषद सदस्य के लिए मतदाता बनाया जाये. पंचायती राज विभाग ने मार्च 2022 में भारत निर्वाचन आयोग के सचिव को पत्र भेजा है, जिसमें हवाला दिया गया है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की अनुसूची 4 में बिहार राज्य के लिए स्थानीय प्राधिकारियों की सूची में ग्राम कचहरी को भी शामिल किया जाये. लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 27(2) में स्थानीय प्राधिकारियों के निर्वाचन क्षेत्र से राज्य के विधान परिषद के चुनाव के प्रयोजन के लिए मतदाता सूची बनाये जाने का प्रावधान है. उस अधिनियम की अनुसूची 4 में बिहार राज्य के जिन संस्थाओं को स्थानीय प्राधिकारी के रूप में चिह्नित किया गया है उनमें नगर परिषद, छावनी मंडल, नगर पंचायतें, जिला परिषद, पंचायत समितियां, नगर निगम और ग्राम पंचायत शामिल हैं. विधान परिषद की 24 सीटों पर नगर परिषद, छावनी मंडल, नगर पंचायत, नगर निगम के वार्ड सदस्य मतदाता होते हैं, जबकि त्रिस्तरीय ग्राम पंचायतों में मुखिया, ग्राम पंचायत सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद के सदस्य इसके मतदाता होते हैं. आयोग को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि बिहार में पंचायती राज व्यवस्था के अधीन ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद के अलावा प्रत्येक ग्राम पंचायत के स्तर पर एक ग्राम कचहरी भी बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 में गठित है. ग्राम कचहरी ग्राम पंचायत स्तर पर होने वाले कतिपय आपराधिक व दीवानी विवादों का सौहार्दपूर्ण निबटारा करने के लिए गठित की गयी है. ग्राम कचहरी का कार्यक्षेत्र ग्राम पंचायत के कार्यक्षेत्र के सहअंतक (को-टर्मिनस) है. ग्राम पंचायत के मतदाताओं द्वारा पंचायत के मुखिया और ग्राम कचहरी के सरपंच का चुनाव सीधे किया जाता है. ऐसे ही मतदाता पंचायत सदस्य और ग्राम कचहरी के पंचों का चुनाव करते हैं. ऐसे में ग्राम कचहरी के सरपंच और पंच भी ग्राम पंचायत के मतदाताओं के जनादेश से चुने जाते हैं. इसे देखते हुए स्थानीय प्राधिकारियों के अतिरिक्त ग्राम कचहरी को भी शामिल किया जाना चाहिए.

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