पटना : बिहार में लगातार दो दिनों से कोरोना पॉजिटिवों की संख्या में 1500 के आंकड़े से नीचे बनी हुई है. दो दिनों के दौरान पटना जिला का छोड़कर किसी भी जिले में 100 से अधिक नये कोरोना पॉजिटिव नहीं पाये गये हैं.
सोमवार को राज्य में कुल 75385 सैंपलों की जांच की गयी. इनमें 1444 नये कोरोना पॉजिटिव पाये गये. पटना जिले में 262 नये कोरोना संक्रमित शामिल थे. पिछले 24 घंटों के दौरान 3169 लोग ठीक होकर घर लौट गये.
अब तक कोरोना संक्रमित होनेवाले कुल एक लाख चार हजार 531 लोग ठीक हो गये हैं. अभी तक राज्य में 25 लाख 70 हजार 97 सैंपलों की जांच की जा चुकी है. राज्य में कोरोना का रिकवरी रेट मंगलवार को 83.74 प्रतिशत रहा.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि पटना जिला में 262 नये कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं, जबकि किशनगंज में 85, मुजफ्फरपुर में 80, अररिया में 76, पश्चिम चंपारण में 71, मधुबनी में 64, भागलपुर में 54, गया में 47, बेगूसराय में 46, सारण में 44, सहरसा में 44, रोहतास में 39, लखीसराय में 38, नालंदा में 37, पूर्णिया में 34, मधेपुरा में 32, वैशाली में 31, समस्तीपुर में 30 और गोपालगंज में 30 कोरोना संक्रमित लोग मिले हैं.
वहीं, सुपौल में 29, बक्सर में 27, औरंगाबाद में 27, पूर्वी चंपारण में 23, कटिहार में 24, सीतामढ़ी में 21, भोजपुर में 20, नवादा में 15, जहानाबाद में 14, शिवहर में 14, शेखपुरा में 12, सीवान में 11, खगड़िया में 10, कैमूर में नौ, बांका में सात, जमुई में छह, मुंगेर में पांच और अरवल में चार नये कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं.
पटना जिले में कोरोना संक्रमितों के रिकवरी रेट में लगातार इजाफा हो रहा है. 11 अगस्त को जहां रिकवरी 69 फीसदी था. वहीं, 24 अगस्त तक 83 फीसदी पहुंच गया. खास बात यह है कि संक्रमितों की संख्या में रिकवरी रेट की अपेक्षा कमी हो रही है.
कोरोना संक्रमितों के मामले सामने आने से ज्यादा लोग संक्रमण मुक्त हो रहे हैं और घर जा रहे हैं. जिलाधिकारी कुमार रवि ने बताया कि रिकवरी रेट के मामले में लगातार वृद्धि हो रही है. रिकवरी रेट 84 फीसदी हो चुका है. उन्होंने सभी कोरोना योद्धाओं को बधाई दी है.
रिकवरी रेट में वृद्धि होने के कारण अब जिले के अस्पताल में बेड बढ़ाने का टेंशन फिलहाल खत्म हो गया है. कोरोना संक्रमित की संख्या की अपेक्षा ठीक होनेवालों की संख्या अधिक है. इसके कारण बेड भी लगातार खाली हो रहे हैं.
साथ ही अब कोरोना संक्रमित होम आइसोलेशन की ज्यादा इच्छा रखते हैं. इसके कारण भी प्रशासन को फिलहाल जिले में अतिरिक्त बेड की व्यवस्था करने की आवश्यकता नहीं है.