– संभाव्यता अध्ययन और तकनीकी सर्वेक्षण के बाद एसजेवीएनएल ने की अनुशंसा
कैमूर जिले के हथियादह इलाके में 1000 मेगावाट क्षमता का पंप स्टोरेज पावर प्रोजेक्ट लगेगा. इस पावर प्रोजेक्ट से हाइब्रिड मोड में प्रति वर्ष 3306.62 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा. प्रस्तावित प्रोजेक्ट कैमूर वाइल्डलाइफ सेंचुरी के निकट है. सोमवार को मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में बिहार में पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट के विकास पर चर्चा की गई. बैठक में बताया गया कि कैमूर जिले के पंचगोटिया, तेलहरकुंड और दुर्गावती क्षेत्रों में सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएनल) ने संभाव्यता अध्ययन और तकनीकी सर्वेक्षण किया, जिसमें हथियादह को 1000 मेगावाट क्षमता के लिए सबसे उपयुक्त पाया गया. केंद्र सरकार ने बिहार में पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन के लिए एसजेवीएनएल को नोडल एजेंसी नियुक्त किया है.
बैठक में ऊर्जा सचिव पंकज कुमार पाल ने कहा कि पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट राज्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह तकनीक विशेष रूप से पीक आवर्स (उच्चतम बिजली खपत के समय) के दौरान विश्वसनीय और अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करेगी. इससे न केवल बिजली कटौती की समस्या का समाधान होगा, बल्कि औद्योगिक और घरेलू उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली मिलेगी. बैठक में बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड के एमडी महेंद्र कुमार, वन विभाग के प्रिंसिपल चीफ कंजर्वेटर और सतलुज जल विद्युत निगम के सीजीएम राकेश सहगल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.
सोलर और पानी से पैदा होगी बिजलीपंप आधारित बिजली स्टोरेज की व्यवस्था में दो जलाशय एक नीचे और दूसरा ऊपर बनाया जाता है. इनके बीच एलिवेशन ऐसा रखते हैं कि निचले जलाशय की तरफ बहता पानी टरबाइन से होकर निकलता है और उससे बिजली पैदा होती है. निचले जलाशय से ऊपर पानी पहुंचाने के लिए बिजली चाहिए होती है. इसके लिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे कभी भी पानी प्रवाहित कर बिजली बना सकते हैं. इस तरह दिन में सौर बिजली तो रात में पनबिजली का उत्पादन होगा.
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