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छह जिलों में एक हजार किमी सड़कों का होगा चौड़ीकरण

औरंगाबाद, गया, जमुई, नवादा, बांका व मुजफ्फरपुर में होगा सड़क निर्माण एनआइटी के विशेषज्ञ डीपीआर की कर रहे जांच पटना : राज्य में उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में लोगों के आवागमन की सुविधा मुहैया कराने के लिए सड़कों का विस्तार होगा. छह जिले औरंगाबाद, गया, जमुई, नवादा, बांका व मुजफ्फरपुर में उग्रवाद प्रभावित इलाके में लगभग […]

औरंगाबाद, गया, जमुई, नवादा, बांका व मुजफ्फरपुर में होगा सड़क निर्माण
एनआइटी के विशेषज्ञ डीपीआर की कर रहे जांच
पटना : राज्य में उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में लोगों के आवागमन की सुविधा मुहैया कराने के लिए सड़कों का विस्तार होगा. छह जिले औरंगाबाद, गया, जमुई, नवादा, बांका व मुजफ्फरपुर में उग्रवाद प्रभावित इलाके में लगभग एक हजार किलोमीटर जिला सड़कों का चौड़ीकरण होगा.
वर्तमान में यह सड़क कहीं साढ़े तीन मीटर व साढ़े पांच मीटर चौड़ा है. इन सड़कों को साढ़े पांच मीटर से सात मीटर चौड़ा किया जायेगा. पथ निर्माण विभाग ने इन सड़कों की डीपीआर तैयार की है. सड़कों के चौड़ीकरण के लिए तैयार डीपीआर की जांच एनआइटी पटना के विशेषज्ञ कर रहे हैं. डीपीआर फाइनल होने के बाद सड़क मंत्रालय के अधीन कार्यरत नेशनल रूरल रोड डेवलपमेंट एजेंसी को प्रस्ताव भेजा जायेगा. प्रस्ताव स्वीकृत होने पर सड़क निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी. सड़क के निर्माण पर लगभग तीन हजार करोड़ खर्च होंगे. इसमें केंद्र व राज्य की हिस्सेदारी 60 व 40 का अनुपात होगा.
डीपीआर की हो रही जांच : उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में एक हजार किलोमीटर सड़कों के चौड़ीकरण को लेकर 60 डीपीआर तैयार हुआ है. पथ निर्माण विभाग के संबंधित प्रमंडल के अभियंता डीपीआर तैयार किये हैं. उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में सड़कों का निर्माण सड़क मंत्रालय के सहयोग से होता है. इसलिए सड़कों की तैयार डीपीआर की जांच मंत्रालय द्वारा चिह्नित स्टेट टेक्निकल अाथॉरिटी द्वारा कराना अनिवार्य होता है. मंत्रालय ने एनआइटी पटना को इसके लिए अधिकृत किया. सूत्र ने बताया कि डीपीआर की जांच एनआइटी पटना के हेड संजीव कुमार सिन्हा के नेतृत्व में टीम कर रही है. डीपीआर जांच होने के बाद उसे नेशनल रूरल रोड डेवलपमेंट एजेंसी के पास भेजा जायेगा. एजेंसी से स्वीकृति मिलने पर सड़क निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी. इसमें लगभग दो से तीन माह का समय लगेगा.
एक हजार किलोमीटर सड़क के चौड़ीकरण पर लगभग तीन हजार करोड़ खर्च होंगे. सड़क निर्माण का काम केंद्र के सहयोग से होना है. इसमें खर्च की राशि 60 व 40 का अनुपात होगा. जानकारों के अनुसार पहले उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में सड़कों के निर्माण में केंद्र से शत प्रतिशत राशि सहयोग मिलता था. इसमें कटौती की गयी है.

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