कैबिनेट के फैसले : जिला जज होंगे जुवेनाइल बोर्ड के अध्यक्ष

केंद्र के आधार पर राज्य में नयी नियमावली लागू पटना : राज्य सरकार ने केंद्र के नये जुवेनाइल कानून को अपनाते हुए प्रदेश में नयी बिहार किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) नियमावली, 2017 लागू कर दी है. मंगलवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगी. नयी नियमावली में यह प्रावधान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 7, 2017 8:32 AM
केंद्र के आधार पर राज्य में नयी नियमावली लागू
पटना : राज्य सरकार ने केंद्र के नये जुवेनाइल कानून को अपनाते हुए प्रदेश में नयी बिहार किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) नियमावली, 2017 लागू कर दी है. मंगलवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगी.
नयी नियमावली में यह प्रावधान किया गया है कि अब जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजेबी) के अध्यक्ष जिला जज होंगे. पांच सदस्यीय बोर्ड में अब वहीं व्यक्ति सदस्य बन सकते हैं, जो सामाजिक कार्यकर्ता हों और उनके पास समाजशास्त्र या इससे जुड़े अन्य विषयों में स्नातक की डिग्री हो. सदस्य दो टर्म से ज्यादा नहीं रहेंगे.
कार्यकाल तीन वर्ष का होता है. इसके अलावा प्रत्येक तीन महीने में सभी जुवेनाइल बोर्ड कार्यालयों और आश्रय स्थलों का निरीक्षण जिला जज करेंगे. इसके दौरान वह कार्यालयों में तमाम कागजात और रेकॉर्ड की जांच करेंगे. साथ ही बालगृहों की हालात और स्थिति का भी मुआयना करेंगे. सभी बाल सुधार गृहों में रहने वाले सभी बाल बंदियों को तीन श्रेणियों में बांट कर इनकी अलग-अलग देखभाल भी की जायेगी. इन तीन श्रेणियों में जघन्य अपराध, छोटे-मोटे अपराध और शॉर्ट टर्म या कम अवधि वाले अपराधी शामिल हैं.
इसका मुख्य मकसद उन अपराधियों पर खासतौर से निगरानी रखना है, जो जघन्य अपराध करने के बाद भी नाबालिग को आधार बना कर बच जाते हैं. ऐसे अपराधियों को बाल बंदियों से अलग रख कर उनकी खासतौर से देखरेख करने का प्रावधान इसमें किया गया है. ताकि छोटे-मोटे अपराध में गिरफ्तार होने वाले अन्य बाल बंदियों से इन्हें अलग रखा जाये और इनके साथ उचित न्यायिक प्रक्रिया का भी पालन किया जा सके.
अन्य प्रमुख फैसले
– क्षेत्रीय जिला अभियोजन कार्यालयों एवं अनुमंडल अभियोजन कार्यालयों के लिए समूह-‘ग’ निम्नवर्गीय लिपिक के 56 पदों का सृजन
– जल संसाधन विभाग में 40 कनीय अभियंताओं को एक वर्ष का सेवा विस्तार और प्रतिमाह 27 हजार का मानदेय
– सहरसा के तत्काल जिला सहकारिता पदाधिकारी मनोज कुमार बरखास्त
– भवन निर्माण विभाग में संविदा पर कार्यरत 18 कनीय अभियंताओं का एक वर्ष के लिए पुनर्नियोजन
समिति की अनुमति पर ही बालू-पत्थर खनन का ठेका
राज्य में बालू, पत्थर समेत अन्य सभी तरह के लघु खनिजों का ठेका अंतरविभागीय समिति के अनुमोदन के बाद ही फाइनल होगा. इस नौ सदस्यीय समिति के अध्यक्ष बिहार राज्य खनिज विकास निगम के निदेशक होंगे. सदस्य के रूप में खनिज निगम के उपनिदेशक, पटना अंचल के खनिज उपनिदेशक, पर्यावरण एवं वन विभाग के प्रधान सचिव और बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड के अध्यक्ष की तरफ से नामित पदाधिकारी के अलावा अन्य लोग होंगे.
कैबिनेट ने इस नयी व्यवस्था के लिए बिहार लघु खनिज समनुदान (संशोधन) नियमावली, 2014 के नियम 22 (3) के साथ अन्य स्तर पर महत्वपूर्ण संशोधन किये हैं.

Next Article

Exit mobile version