सिर्फ अपने विकास की चिंता करते भाजपा नेता : संजय
पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा के नेता देश के विकास की चिंता नहीं करते हैं, उनको बस अपने विकास की चिंता रहती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार केंद्र सरकार को कह रहे हैं कि जिन राज्यों की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से कम हो, […]
पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा के नेता देश के विकास की चिंता नहीं करते हैं, उनको बस अपने विकास की चिंता रहती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार केंद्र सरकार को कह रहे हैं कि जिन राज्यों की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से कम हो, उनको केंद्र प्रायोजित योजनाओं में 90 फीसदी का केद्रांश दिया जाना चाहिए. इससे इन योजनाओं का समुचित क्रियान्वयन हो सकेगा. इसी तरह सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मध्याह्न भोजन, समेकित बाल विकास कार्यक्रम, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन जैसी राष्ट्रीय विकास की महत्वपूर्ण योजनाओं का पूरा भार केंद्र सरकार उठाये.
ये योजनाएं कोर ऑफ द कोर के तहत लायी जाये. उन्होंने कहा कि इसको लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम को पत्र भी लिखा है और इन बातों को विस्तार से बताया भी है, लेकिन अब तक केंद्र सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया और न ही कोई निर्णय लिया गया. भाजपा के नेताओं को ये पता होना चाहिए कि बिहार में प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत का महज 34.6 फीसदी है. 14वें वित्त आयोग द्वारा राज्यों के हिस्से को 32 फीसदी से बढ़ाकर 42 फीसदी करने को आधार बनाकर केंद्रीय बजट में केंद्र प्रायोजित योजनाओं में राज्यों को दी जाने वाली राशि में काफी कटौती की गयी है. इसका प्रतिकूल प्रभाव बिहार पर पड़ा है.
राष्ट्रीय विकास एजेंडा से संबंधित सभी 21 योजनाओं का वित्तीय पैटर्न 60:40 कर दिया गया है. इस बदलाव के कारण राज्य सरकार को दो सालों में 9400 करोड़ रुपए केंद्र प्रायोजित योजनाओं में लगाने पड़े. स्पष्ट है कि राज्य को अपने संसाधन से एक बड़ा भाग राज्यांश के रूप में खर्च करना पड़ रहा है. इससे अन्य योजनाओं के लिए नहीं के बराबर राशि उपलब्ध हो पाती है. बिहार की प्रति व्यक्ति आय 26801 रुपए है, जबकि राष्ट्रीय औसत 77,435 रुपये हैं. राज्य की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत का मात्र 34.6 प्रतिशत है.