इंजेक्शन लगने के बाद मरीज की मौत, स्ट्रेचर पर रख इलाज

आइजीआइसी में परिजनों का हंगामा पटना : इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (आइजीआइसी) में 42 साल के एक मरीज का इलाज के दौरान मौत हो गयी. मरीज का नाम रंजीत प्रसाद चौरसिया है. वह आरा जिले का रहनेवाला था. हार्ट संबंधी रोग को लेकर परिजनों ने गुरुवार की सुबह 11 बजे अस्पताल में भरती कराया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2017 7:17 AM
आइजीआइसी में परिजनों का हंगामा
पटना : इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (आइजीआइसी) में 42 साल के एक मरीज का इलाज के दौरान मौत हो गयी. मरीज का नाम रंजीत प्रसाद चौरसिया है. वह आरा जिले का रहनेवाला था.
हार्ट संबंधी रोग को लेकर परिजनों ने गुरुवार की सुबह 11 बजे अस्पताल में भरती कराया था, जहां शुक्रवार की सुबह 6:30 बजे के आसपास उसकी मौत हो गयी. परिजनों का आरोप है कि इंजेक्शन लगने के कुछ देर बाद ही रंजीत की मौत हुई है.
नाराज परिजनों ने वार्ड में जम कर हंगामा किया व डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. सुरक्षाकर्मियों ने हंगामा को शांत कराया. इधर, डॉक्टरों का कहना है कि मरीज की हालत पहले से ही खराब थी.इंजेक्शन के कारण मौत का आरोप गलत है.
आइसीयू की जगह स्ट्रेचर पर हो रहा था इलाज : रंजीत की पत्नी अनीता चौरसिया ने आरोप लगाया कि सीने में दर्द के बाद गुरुवार की सुबह आइजीआइसी अस्पताल लाया गया, जहां गंभीर हालत में भी डॉक्टरों ने बेड नहीं देकर स्ट्रेचर पर ही रख दिया. मरीज की हालत लगातार खराब हो रही थी. ऐसे में आइसीयू की जगह गुरुवार की शाम छह बजे तक मरीज को स्ट्रेचर पर ही रखा गया. जब हालत अधिक खराब हुई, तो काफी देर बाद बेड मुहैया कराया गया.
पानी की जगह निकल रहा था खून : परिजन : मृतक के बेटे आदित्य चौरसिया ने कहा कि जांच के बाद पता चला कि शरीर में पानी भर गया है. डॉक्टर पानी निकालने के लिए शुक्रवार की सुबह एक इंजेक्शन दिया. लेकिन इंजेक्शन देने के कुछ देर बाद ही जब डॉक्टर पानी निकालने गये, तो पानी के बदले खून निकलने लगा. ऐसे में कुछ देर बाद ही उनकी मौत हो गयी.
पहले से ही गंभीर था मरीज शरीर में भर गया था पानी
मरीज की हालत पहले से ही खराब थी. पिछले एक महीने से उसके शरीर में पानी भरा हुआ था. जिसका इलाज चल रहा था. हालत अधिक गंभीर हुई तो परिजन यहां लेकर आये, जहां अच्छे से इलाज किया गया. लेकिन, मरीज की मौत हो गयी. इसमें डॉक्टरों की कोई लापरवाही नहीं है.
डॉ एसएस चटर्जी, डायरेक्टर, आइजीआइसी

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