बताएं, किसने चुरा कर बेच दीं दवाएं

पटना : पीएमसीएच में इंजेक्शन की कालाबाजारी में अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. पीएमसीएच प्रशासन और औषधि विभाग दोनों एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. ड्रग इंस्पेक्टर पीएमसीएच के स्टाफ पर इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग का आरोप लगा रहे थे. लेकिन, अब पीएमसीएच के अधीक्षक ने औषधि विभाग की जांच टीम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2017 7:56 AM
पटना : पीएमसीएच में इंजेक्शन की कालाबाजारी में अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. पीएमसीएच प्रशासन और औषधि विभाग दोनों एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. ड्रग इंस्पेक्टर पीएमसीएच के स्टाफ पर इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग का आरोप लगा रहे थे. लेकिन, अब पीएमसीएच के अधीक्षक ने औषधि विभाग की जांच टीम पर ही सवाल खड़े कर दिये हैं.
पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ लखींद्र प्रसाद ने ड्रग कंट्रोलर से पूछा है कि वे बताएं कि हनुमान एजेंसी से पीएमसीएच की बरामद दवाओं को किसने चुराया था. जांच टीम ने जांच से हाथ खड़ा कर दिया है, जबकि वे जांच कार्य में भरपूर सहयोग करने को तैयार हैं. अगर सचमुच में पीएमसीएच से दवाओं की चोरी हुई है, तो इसकी जांच अस्पताल की एक कमेटी कर रही है. इधर ड्रग इंस्पेक्टर सच्चिदानंद विक्रांत ने कहा कि पीएमसीएच प्रशासन यह साबित करे कि अस्पताल की मेरोपेनम 1 ग्राम हायर एंटीबायोटिक इंजेक्शन हनुमान एजेंसी को नहीं पहुंची है, जबकि जांच टीम ने इंजेक्शन के बैच नंबर से इसका खुलासा किया है, इसकी कॉपी पुलिस प्रशासन, पीएमसीएच प्रशासन व औषधि विभाग सबको भेज दिये गये हैं.
इधर टाटा वार्ड की कुछ स्टाफ नर्स प्रिंसिपल डॉ एसएन सिन्हा से मिलने पहुंची थी. ड्रग इंस्पेक्टरों की ओर से बीएचटी दस्तावेज पर लगे आरोप को लेकर एक जुट हुई नर्सों ने शनिवार को प्रिंसिपल से मुलाकात की.

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