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सीएम विधानसभा कर दें भंग, भाजपा एमपी व एमएलए इस्तीफे को तैयार

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा पटना : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने सीएम नीतीश कुमार पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की चुनौती स्वीकार है. वे अपना मंत्रिमंडल भंग करते हुए विधानसभा भंग करें. हमारे सांसद व विधायक इस्तीफा के लिए तैयार हैं. सबसे पहला इस्तीफा मैं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 14, 2017 7:41 AM
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भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा
पटना : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने सीएम नीतीश कुमार पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की चुनौती स्वीकार है. वे अपना मंत्रिमंडल भंग करते हुए विधानसभा भंग करें. हमारे सांसद व विधायक इस्तीफा के लिए तैयार हैं. सबसे पहला इस्तीफा मैं दूंगा.
राय ने यूपी विधानसभा के भंग करने के सीएम के कथन पर कहा कि वे वहां की जनता और जनादेश का अपमान है. राय पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे. इस मौके पर भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष नितिन नवीन, प्रदेश उपाध्यक्ष देवेश कुमार, प्रदेश प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल, राजीव रंजन, अजफर शमशी व विधायक अनिल कुमार भी मौजूद थे.
राय ने कहा कि भाजपा को सीएम की चुनौती स्वीकार है. हमारे सांसद व विधायक इस्तीफा के लिए तैयार हैं. भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मीडिया के समक्ष राज्यपाल के यहां नीतीश कुमार अपने विधायकों से इस्तीफा दिलवायें हमारे विधायक भी देंगे. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार सपने में पीएम राग अलाप रहे हैं जो कभी पूरा नहीं होने वाला है. बिहार में छात्र, किसान, नौजवान सभी परेशान हैं. कानून-व्यवस्था की स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है. बिहार में अापराधिक घटनाओं पर मुख्यमंत्री संज्ञान नहीं लेते हैं.
राय ने कहा कि नीतीश कुमार का बिहार के बाहर कोई वजूद नहीं है. बिहार में मर्सी पेटीशन सरकार चल रही है. उत्तर प्रदेश चुनाव के ठीक पहले ऐन मौके पर मैदान छोड़कर भाग खड़े हुये क्योंकि उन्हें पता चल गया कि उनकी दाल नहीं गलने वाली है. 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जनता के बीच भ्रमजाल फैलाकर चुनाव जीत गये लेकिन जदयू की हैसियत बिहार में आरजेडी से कम ही रही और आज लालू जी के सामने मर्सी पेटीशन देकर मुख्यमंत्री बने हुये हैं.
नीतीश कुमार इससे पहले भी भाजपा की ताकत के बूते एवं समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे. बिहार सरकार किसानों का ख्याल नहीं रख रही है. राज्य के 17 विभाग में अभी तक विकास की कोई राशि खर्च नहीं हुआ है. फसल बीमा योजना में बिहार सरकार की कोई दिलचस्पी नहीं थी.

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