दो दारोगा व एक एएसआइ बरखास्त

शराब के अवैध धंधे में शामिल होने के आरोप में बड़ी कार्रवाई पटना : शराब माफियाओं को संरक्षण देने व शराब के अवैध धंधे में संलिप्तता के आरोप में बेऊर थाने के तत्कालीन दो दारोगा सुनील कुमार व विशंभर कुमार और एएसआइ श्रवण कुमार को बरखास्त कर दिया गया है. इसे शराब के मामले में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 15, 2017 7:28 AM
शराब के अवैध धंधे में शामिल होने के आरोप में बड़ी कार्रवाई
पटना : शराब माफियाओं को संरक्षण देने व शराब के अवैध धंधे में संलिप्तता के आरोप में बेऊर थाने के तत्कालीन दो दारोगा सुनील कुमार व विशंभर कुमार और एएसआइ श्रवण कुमार को बरखास्त कर दिया गया है.
इसे शराब के मामले में बिहार में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है, जब किसी पुलिसकर्मी को बरखास्त किया गया है. इसके पूर्व पुलिस अधिकारी व कर्मी सस्पेंड जरूर होते रहे हैं.
बताया जाता है कि शराब माफियाओं को संरक्षण देने व इलाके में शराब बिक्री कराने के आरोप में तीन फरवरी को इन लोगों ने थाने को ही लाइन हाजिर कर दिया था. इस मामले में सिटी एसपी वेस्ट रवींद्र कुमार ने जांच की और रिपोर्ट सौंपी थी. इस रिपोर्ट में दारोगा विशंभर, सुनील कुमार व एएसआइ श्रवण कुमार को दोषी पाया था. उक्त जांच रिपोर्ट के बाद तीनों को सस्पेंड कर दिया गया था.
इसके बाद इन तीनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गयी. विभागीय कार्रवाई के दौरान जांच में भी तीनों को दोषी पाया गया. इसके बाद डीआइजी सेंट्रल राजेश कुमार ने तीनों को बरखास्त कर दिया. विदित हो कि शराबबंदी के बाद यह पहली कार्रवाई थी, जिसमें पूरे थाने को बदल दिया गया था. बेऊर थाने के थानाध्यक्ष समेत एक-एक पुलिस पदाधिकारी व जवान को लाइन हाजिर कर कार्रवाई की गयी थी. डीआइजी सेंट्रल राजेश कुमार ने तीनों की बरखास्तगी की पुष्टि की और बताया कि शराब के मामले में अगर किसी भी पुलिस पदाधिकारी की संलिप्तता पायी गयी, तो कड़ी-से-कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
जक्कनपुर थाने को भी बदल दिया गया था
पटना. 15 मई को जक्कनपुर थाने के तमाम पुलिस पदाधिकारियों व जवानों को वहां से हटा दिया गया था और उनका जोन के बाहर ट्रांसफर किया गया था. इसके साथ ही वहां के तत्कालीन थानाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार झा को निलंबित भी किया गया था.
जक्कनपुर थाने के विग्रहपुर में सांईं इमरजेंसी हॉस्पीटल के ओटी में शराब पीते हुए पांच लोगों को पुलिस ने पकड़ा था और बाद में उसके संचालक को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. इस मामले के खुलासे के बाद जक्कनपुर इलाके में अवैध रूप से शराब बिक्री होने की जानकारी के बाद यह कार्रवाई की गयी थी. इसी प्रकार पूर्व में भी कई थानाध्यक्ष, दारोगा, एएसआइ निलंबित किये जा चुके हैं. फिलहाल जक्कनपुर थाने के मामले की जांच सिटी एसपी, पूर्वी कर रही हैं.
कर्तव्यहीनता के आरोप में फतुहा के थानाध्यक्ष को डीआइजी ने किया निलंबित
पटना : कर्तव्यहीनता के आरोप में डीआइजी सेंट्रल राजेश कुमार ने फतुहा के थानाध्यक्ष अविनाश कुमार को निलंबित कर दिया है. उन्हें कई आरोपों के कारण निलंबित किया गया है. इसके साथ ही एसएसपी मनु महाराज ने बुधवार की देर शाम पुलिस लाइन में तैनात मो नसीम को नये थानाध्यक्ष बनाया है.
बताया जाता है कि फतुहा थाने के जेठुली में सात जून को पटना पुलिस की टीम ने शराब की एक बड़ी खेप बरामद की थी और छह लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. इस मामले में कई अन्य लोगों की भी संलिप्तता होने की बात प्रकाश में आयी थी. लेकिन इस मामले में जांच आगे नहीं बढ़ी. जो लोग इसमें शामिल थे, उनके नामों का खुलासा नहीं हुआ और न ही उनकी गिरफ्तारी हुई.
वे बराबर वरीय पुलिस अधिकारियों के निर्देश का पालन करने में कोताही भी बरतते रहे. वरीय पुलिस अधिकारियों ने पप्पू यादव हत्याकांड में पकड़े गये आरोपितों को रिमांड पर लेने के लिए आवश्यक कार्रवाई का निर्देश कई दिनों पहले ही दिया था, लेकिन हाल में न्यायालय में रिमांड के लिए आवेदन दिया गया.
इस कांड के एक आरोपित मनीष ने थाने में सरेंडर किया था, जिसकी जानकारी उन्होंने वरीय पुलिस अधिकारियों को देने के बजाय मीडिया के सामने पेश कर दी, जिसमें उसने अपने आप को बेकसूर बताया था. इसके साथ ही कुछ दिन पहले मिट्टी व्यवसायी पर फायरिंग हुई थी और इस बात को भी उन्होंने छिपा लिया था. साथ ही जमीन के मामले में भी उनकी विशेष रुचि की जानकारी मिली थी और यह भी पता चला कि फतुहा में शराब का अवैध धंधा बढ़ गया है. इसके बाद डीआइजी सेंट्रल राजेश कुमार ने उन्हें निलंबित कर दिया.

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