राष्ट्रपति चुनाव को लेकर लालू का नया खुलासा, नरेंद्र मोदी के पेट में है राष्ट्रपति प्रत्याशी का नाम

पटना : दिल्ली से लौटने के बाद लालू बदले हुए नजर आये. हाल ही में दिल्ली का दौरा बार-बार करने के सवाल पर एक चैनल को दिये इंटरव्यू में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर नया खुलासा किया है. लालू प्रसाद ने कहा है कि लालकृष्ण आडवाणी के प्रति पार्टी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 15, 2017 3:09 PM

पटना : दिल्ली से लौटने के बाद लालू बदले हुए नजर आये. हाल ही में दिल्ली का दौरा बार-बार करने के सवाल पर एक चैनल को दिये इंटरव्यू में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर नया खुलासा किया है. लालू प्रसाद ने कहा है कि लालकृष्ण आडवाणी के प्रति पार्टी के कई लोगों का आदर है. लेकिन, पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक के बाद आडवाणी का नाम मंदिर-मस्जिद प्रकरण में अदालत में होने के कारण हटा दिया गया. हालांकि, उन्होंने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़नेवाला. राष्ट्रपति का उम्मीदवार तो प्रधानमंत्री ही तय करेंगे कि कौन राष्ट्रपति होगा. राष्ट्रपति का नाम तो अभी उनके पेट में ही है. इसमें गृहमंत्री और जेटली जी क्या तय करेंगे. केवल दिखावा के लिए भाजपा ने कमेटी गठित की है.

कहा- तानाशाही की ओर जा रहा देश

पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक का उल्लेख करते हुए लालू प्रसाद ने कहा कि बैठक में कहा गया कि आपलोग हनुमान जी से शिक्षा लीजिए. हनुमान जी हमेशा राम जी के चरणों में लिपटे रहते थे. कोई सवाल नहीं करते रहते थे. मतलब हम राम हैं, भगवान मानो और कोई प्रश्न मत करो. ये देश तानाशाही की ओर जा रहा है.

विपक्ष की भूमिका

विपक्ष की भूमिका को लेकर उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के चुनाव में हमारी भी भूमिका है. एनडीए के विपक्षी पार्टियों की एक बैठक सोनिया गांधी के नेतृत्व में हुई है. देश की 17 पार्टियों के नेताओं ने इसमें भाग लिया था. एक छोटी कमेटी बना कर अधिकृत करने की बात कही गयी है, जो यह देखेगी कि केंद्र सरकार क्या कर रही है. केंद्र सरकार ने भी तीन लोगों की कमेटी बनायी है. इस कमेटी ने सोनिया जी से भी समय मांगा है.

अंदर से कांप गयी है भाजपा

शिवसेना द्वारा संघ प्रमुख मोहन भागवत का नाम भाजपा को सुझाये जाने पर लालू प्रसाद ने कहा कि पहले वे लोग ही तय करें. जीतने के लिए बहुमत जुटाना पड़ेगा. शत्रुघ्न सिन्हा जैसे पार्टी के अन्य लोग लालकृष्ण आडवाणी को पसंद कर रहे हैं. ऐसे में भाजपा के अंदर ही थरथरी है. भाजपा अंदर से कांप गयी है. किसी चीज का कोई खरमंडल ना हो जाये. आडवाणी को सपोर्ट करने के सवाल पर कहा कि अभी कैसे कह सकते हैं. नाम सामने आने दीजिये, उसके बाद फैसला किया जायेगा. हमारी एक आइडियोलॉजी है, हम उससे समझौता नहीं करेंगे.

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