घर-घर पहुंचेगा बापू का संदेश

बापू आपके द्वार : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी राज्य के लोगों से करेंगे अपील चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष पर दो अक्तूबर से ‘बापू आपके द्वार’ कार्यक्रम शुरू होगा. घर-घर गांधीजी के संदेशों को पहुंचाया जायेगा, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अपील भी लोगों को बतायी जायेगी. शिक्षा विभाग ने गांधीजी के 11 संदेशों को अंतिम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 17, 2017 7:22 AM
बापू आपके द्वार : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी राज्य के लोगों से करेंगे अपील
चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष पर दो अक्तूबर से ‘बापू आपके द्वार’ कार्यक्रम शुरू होगा. घर-घर गांधीजी के संदेशों को पहुंचाया जायेगा, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अपील भी लोगों को बतायी जायेगी. शिक्षा विभाग ने गांधीजी के 11 संदेशों को अंतिम रूप दिया है, जिसे कार्ड व परचा के जरिये लोगों तक पहुंचाया जायेगा. इस काम में जन शिक्षा निदेशालय के 48 हजार साक्षरता कर्मी लगेंगे, जो घर-घर में दस्तक देंगे. शिक्षा विभाग ने सभी बसावटों और घरों की सही संख्या के लिए स्वास्थ्य विभाग की भी मदद लेने की तैयारी कर रहा है. साक्षरताकर्मी घरों में दस्तक देंगे.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अपील : बापू की तसवीर हम देखते हैं और उनके प्रति सभी सम्मान रखते हैं.बापू ने अपने जीवन, आचरण, रहन-सहन और विचारों से पूरी दुनिया को बेहतर बनाने का संदेश दिया है. साक्षरता कार्यकर्ता उनके कुछ संदेशों को लेकर आपके घर दस्तक दे रहे हैं. बापू के एक भी विचार को अगर हम अपने जीवन में उतार लें तो हम बदलेंगे, हमारा समाज बदलेगा और संपूर्ण बिहार में सकारात्मक बदलाव की बयार बहेगी. इसलिए सभी से अनुरोध है कि अपने परिवार के सदस्यों के साथ इसे पढ़ें और संभव हो तो इसे जीवन में उतारने का प्रयास करें.
मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है. सत्य मेरा भगवान है और अहिंसा उसे पाने का साधन.
अगर मेरे पास विरासत से या व्यापार से अपार धन है तो हमें समझना चाहिए कि वह मेरा नहीं है. आजीविका के जो जरूरी धन हैं उस पर अधिकार है और बाकी धन लोगों के कल्याण के लिए है.
धरती के पास हर लोग की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए काफी कुछ है, लेकिन लालच को पूरा करने के लिए कुछ नहीं.
पृथ्वी, हवा, जमीन, जल हमें पूर्वजों से जिस रूप में मिला उसी रूप में सौंपें.
इनसान वही बनता है, जो वह अपने बारे में सोचता है.
शिक्षा क्या है, लोगों को नहीं मालूम. जमीन-शेयर की तरह आंकते हैं शिक्षा का मूल्य. लड़के को अधिक कमाई वाली शिक्षा
देते हैं, जबकि लड़कियों को कमाने की जरूरत नहीं, इसलिए क्यों पढ़ाये?
दहेज मांगना न सिर्फ शिक्षा व देश को बदनाम करना, बल्कि नारी जाति का अपमान करना है.
8. प्रकृति से छेड़छाड़ कई रोगों के कारण हैं.
9. आंख के बदले आंख पूरे विश्व को अंधा बना देगी
10. खुद में वो बदलाव लाये, जो दुनिया में देखना चाहते हैं.
11. शराब से शरीर नष्ट होता है और आत्मा भ्रष्ट होती है. शराब का सेवन करने वाला इंसान हैवान हो जाता है.

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