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तेज प्रताप के पेट्रोल पंप का लाइसेंस रद्द करने पर कोर्ट ने लगाया स्टे

पटना. पटना व्यवहार न्यायालय की एक दीवानी अदालत ने स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव के पेट्रोल पंप का आवंटन रद्द करने के भारतीय पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी है. कोर्ट ने बीपीसीएल को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है. प्रभारी अवर न्यायाधीश (ग्यारह) जावेद अहमद खान ने मंत्री […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 18, 2017 7:36 AM
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पटना. पटना व्यवहार न्यायालय की एक दीवानी अदालत ने स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव के पेट्रोल पंप का आवंटन रद्द करने के भारतीय पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी है. कोर्ट ने बीपीसीएल को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है. प्रभारी अवर न्यायाधीश (ग्यारह) जावेद अहमद खान ने मंत्री यादव की ओर से दाखिल किये गये टाइटल सूट ( 230-17) में अलग से दाखिल निषेधाज्ञा आवेदन पर सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया है. अदालत ने बीपीसीएल को पेट्रोल आवंटन के मामले में 23 जून, 2017 तक यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है.
अवर न्यायाधीश की अदालत में मंत्री और लारा ऑटोमोबाइल के मालिक तेजप्रताप की ओर से टाइटल सूट दाखिल किया गया था जिसमें कहा गया है कि पेट्रोल पंप वाली जमीन ए. के इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड द्वारा वैध रूप से खरीदी गयी है. उक्त जमीन का उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव के नाम पर 32 सालों के लिए वैध किरायानमा है . दोनों भाइयों के बीच उक्त संपत्ति को लेकर एक करारनामा भी बना हुआ है. वाद में कहा गया है कि बीपीसीएल की ओर से उक्त जमीन पर सवाल खड़ा करते हुए पेट्रोल पंप के आवंटन को रद्द करने के लिए नोटिस जारी करना अवैध है.
मालूम हो कि भारत पेट्रोलियम ने स्वास्थ्य मंत्री के पेट्रोल पंप का लाइसेंस रद्द कर दिया है. कंपनी ने जमीन के आवंटन के मामले में तेजप्रताप को नोटिस देकर 15 दिन में उत्तर देना था, लेकिन जवाब संतोषजनक नहीं मिला था. इसके बाद यह एक्शन लिया गया. 31 मई को बीपीसीएल ने तेज प्रताप को नोटिस देकर पेट्रोल पंप के लाइसेंस के सिलसिले में जवाब मांगा था. भाजपा नेता सुशील मोदी ने आरोप लगाया था कि गलत कागजात के आधार पर उनको पंप का आवंटन हुआ है.

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