बिहार अनाथ नहीं कि कोई इसे गोद लेगा : मुख्यमंत्री

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बिहार को गोद लेने के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि बिहार अनाथ नहीं है कि कोई इसे गोद लेगा. बिहार जीवंत है और बिहार में दम है. बिहार का लोहा सभी मानते हैं. सोमवार को मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद भवन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 20, 2017 6:40 AM
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बिहार को गोद लेने के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि बिहार अनाथ नहीं है कि कोई इसे गोद लेगा. बिहार जीवंत है और बिहार में दम है. बिहार का लोहा सभी मानते हैं. सोमवार को मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद भवन में लोक संवाद कार्यक्रम के बाद प्रेस काॅन्फ्रेंस में नीतीश कुमार ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री को पहले अपने प्रदेश में शराबबंदी करनी चाहिए.
किसी धर्म में शराब पीने और नशा करने का अधिकार नहीं दिया गया है. समाज में सद्भाव के लिए शराबबंदी जरूरी है. बिहार के इस कदम का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तारीफ की है. ऐसा न हो कि बॉर्डर इलाके में शराब की और ज्यादा दुकानें खोल दी जाएं और बिहार में उसकी सप्लाइ करने लगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि योग सिर्फ एक दिन करने की चीज नहीं है. यह हर दिन करने की चीज है. मैं खुद योग करता हूं.
इसका हिमायती भी हूं और व्यक्तिगत रूप से लोगों से इसके गुणों की चर्चा भी करता हूं, लेकिन प्रचार-प्रसार वाले योग से दूर रहते हैं. प्रचार वाला योग व वास्तविक योग अलग-अलग हैं. इस पर राजनीतिक रूप से बहस नहीं होनी चाहिए. योग दिखावे की चीज नहीं है और न ही दिखावे वाली चीजों से हमारा कोई सरोकार है, लेकिन कुछ लोग दिखावे वाले हैं. वैसे लोग योग से वोट का होप देख रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि तरह-तरह के जो आरोप लगाते हैं, वे अपने टॉप लीडर को योग करने का तरीका सिखाएं. उनके नेता कुरसी पर बैठ कर योग करते हैं.
त्रिकोण आसन की जगह सप्तकोण आसन करते हैं. योग दूसरे को बताने व सिखाने की चीज है, न कि योग के नाम पर किसी को भटकाने की. अलग-अलग उम्र के लोगों के लिए योगासन अलग होते हैं. ये सभी के लिए लाभकारी होते हैं. योग के लिए कहीं बाहर जाने की भी जरूरत नहीं है. बिहार के मुंगेर में योग विश्वविद्यालय है. जल्द ही विपश्यना (मेडिटेशन) सेंटर में 10 दिनों का कोर्स भी शुरू होने जा रहा है.
मनरेगा के मजदूरों को मिले राज्य की न्यूनतम मजदूरी दर
मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के मजदूरों की मजदूरी केंद्र सरकार तय करती है. यह सामूहिक रूप से तय होनी चाहिए. इसमें बिहार सरकार का स्टैंड साफ है. राज्य की जो न्यूनतम मजदूरी दर है, वहीं मनरेगा के मजदूरों की मजदूरी होनी चाहिए. इसको लेकर राज्य सरकार केंद्र से लगातार बातचीत करती रहती है. यूपीए सरकार के केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री लेकर एनडीए सरकार के मंत्री से बातचीत हुई है.
तीन तलाक : सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करें
सीएम ने तीन तलाक पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. बहस पूरी हो चुकी है. हमें कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए. योगी आिदत्यनाथ ने इस पर नीतीश को रुख साफ करने की चुनौती दी थी.
पटना मेट्रो : केंद्र को करना है इस पर फैसला
नीतीश ने कहा कि मेट्रो के बारे में पहले से पॉलिसी थी. केंद्र से आये प्रस्ताव के अनुसार सर्वे व डीपीआर तैयार कर भेजी जा चुकी है. फैसला केंद्र को करना है, लेिकन हमें नहीं मालूम कि वे कौन-सी नीति अपनायेंगे.

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