मलेशिया में लापता हुआ मुजफ्फरपुर का युवक, खोजबीन के लिए दर-दर भटक रहे पिता

मुजफ्फरपुर : कहते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा दुख होता है बाप के कंधे पर बेटे का जनाजा. खासकर बेटा जिंदा रहे और लापता हो जाये तो दर्द और भी बढ़ जाता है. कुछ ऐसा ही हुआ है मुजफ्फरपुर में एक पिता के साथ. जो इन दिनों अपने बेटे की तस्वीर सीने से लगाये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 20, 2017 2:57 PM

मुजफ्फरपुर : कहते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा दुख होता है बाप के कंधे पर बेटे का जनाजा. खासकर बेटा जिंदा रहे और लापता हो जाये तो दर्द और भी बढ़ जाता है. कुछ ऐसा ही हुआ है मुजफ्फरपुर में एक पिता के साथ. जो इन दिनों अपने बेटे की तस्वीर सीने से लगाये दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर है. इस मजबूर पिता का बेटा सात समंदर पार मलेशिया से लापता हो गया है. पिता का कहना है कि उसकी फरियाद कोई नहीं सुन रहा है. मामला जिले के पियर थाना इलाके के बड़गांव का बताया जा रहा है.

खबर में दिख रही यह तसवीरउदयरंजन की है. गत एक सप्ताह से इस तसवीर को किसी मासूम बच्चे की तरह सीने से चिपटाकर पिता सुनील श्रीवास्तवप्रशासनिक अधिकारियों के यहां चक्कर लगा रहे हैं. सुनीलश्रीवास्तव का पुत्र उदय रंजन मलेशिया में एक पानी के जहाज पर काम करता था. अचानक इसी महीने की तेरह तारीख को उदय रंजन के मित्र ने मलेशिया से फोन कर पिता सुनील को कहा कि उदय का पैर फिसल गया है और वह समुद्र में गिर गया है, उसका कहीं अता पता नहीं चल रहा है. उसके बाद से ही सुनील श्रीवास्तव मदद के लिये चारों ओर भटक रहे हैं, लेकिन उन्हें अपने बेटे की खोज बीन का कोई आसरा नहीं दिख रहा है.

जानकारी के मुताबिक अभी तक कथित मलेशियाई कंपनी की ओर से सुनील श्रीवास्तव को कोई जानकारी नहीं दी गयी है. अपने बेटे के लिए सुनील श्रीवास्तव ने विदेश मंत्री, स्थानीय सांसद अजय निषाद और विधान पार्षद के अलावा पीएम नरेंद्र मोदी से अपने बेटे की खोजबीन के लिए गुहार लगायी है. अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. सुनील श्रीवास्तव काफी निराश हैं और अपने बेटे के वापसी की मांग कर रहे हैं.

वहीं मुजफ्फरपुर के रहने वाले और ऑल इंडिया नेवी एसोसिएशन से जुड़े अमरेश कुमार लगातार लापता युवक का पता लगाने के लिए जिला प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं. उनका प्रयास है कि जितना जल्द हो सके मलेशिया के दूतावास से संपर्क कर उदय रंजन का पता लगाया जाये. अमरेश का कहना है कि घटना के छह घंटे के अंदर अभिभावक को सूचना दे देनी चाहिए, लेकिन यहां तो कंपनी के स्टॉफ फोन ही नहीं उठा रहे हैं. अमरेश कंपनी पर संदेह जता रहे हैं. फिलहाल, अभी भी युवक का कुछ अता पता नहीं चल सका है.

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