पटना: राज्य के बुनियादी विद्यालयों में शिक्षकों के तीन हजार पद खाली हैं. 391 बुनियादी विद्यालयों में पहली से आठवीं तक की पढ़ाई होती है. इसके लिए शिक्षकों के 3,920 पद स्वीकृत हैं. इनमें तीन हजार पद खाली हैं. हर विद्यालय के लिए शिक्षकों के 11 पद हैं. पर, कुछ स्कूल ऐसे भी हैं, जिनमें मात्र एक-दो शिक्षक ही हैं. स्थिति यह है कि महात्मा गांधी की परिकल्पना पर आधारित एक भी बुनियादी विद्यालय में स्वरोजगार से जुड़ी शिक्षा नहीं दी जा रही है. अन्य विद्यालयों की तरह यहां भी सर्व शिक्षा अभियान का सिलेबस है.
विद्यालय की जमीन पर मकान
पश्चिम चंपारण के चनपटिया प्रखंड के लगुनाहा में स्थित बुनियादी विद्यालय की जमीन पर कच्चे व पक्के मकान बना लिये गये हैं. इस विद्यालय के पास सात एकड़ जमीन है. कृषि योग्य जमीन पर भी लोगों का कब्जा है. विद्यालय में मात्र एक शिक्षक हैं, जबकि स्वीकृत पद 11 हैं. इसी प्रखंड के लखौरा विद्यालय के कमरे में गाय भी बांधी जाती है. कोई रोकनेवाला नहीं है. इस विद्यालय के पास ढाई एकड़ जमीन है. इसकी जमीन पर भी अतिक्रमण है. यहां दो शिक्षक कार्यरत हैं. विद्यार्थियों की संख्या 146 है. हर बुनियादी विद्यालय के पास दो से 13 एकड़ तक अपनी भूमि है. कई जगहों पर जमीन का अतिक्रमण कर लिया गया है. चनपटिया प्रखंड की शिक्षा पदाधिकारी पूनम कुमारी ने बताया कि अतिक्रमण की सूचना कई बार उच्च पदाधिकारियों को दी गयी है.
पांच-पांच शिक्षक दिये जायेंगे
राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि वर्तमान में चल रही नियुक्ति प्रक्रिया के तहत हर बुनियादी विद्यालय में पांच-पांच शिक्षकों का योगदान कराया जायेगा. इसकी प्रक्रिया शुरू भी हो गयी है. इन विद्यालयों के लिए अलग से नियुक्ति बाद में होगी, तब तक नियोजित शिक्षक यहां पढ़ायेंगे.
आज से कार्यशाला
विद्यालयों के सुदृढ़ीकरण के लिए बनी तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट पर कार्यशाला 28-29 मई को एएन सिन्हा इंस्टीटय़ूट में होगी. इसमें गांधी विचारक रजी अहमद, रामजी प्रसाद व गुजरात के शिक्षाविद् आदि शामिल होंगे. कमेटी में तीन वरीय प्रशासनिक पदाधिकारी अंजनी कुमार सिंह, अमरजीत सिन्हा व व्यास जी शामिल थे.