पटना : रामनाथ कोविंद का राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर समर्थन करने के एक दिन बाद जदयू ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि उसकेएनडीए में जाने का प्रश्न ही नहीं उठता और वह एकजुट विपक्ष का हिस्सा बना रहेगा. जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि रामनाथ कोविंद जी के समर्थन का मामला अलग है. हम राजग में पुन: वापस नहीं जाएंगे.
केसी त्यागी ने कहा किरामनाथ कोविंद ने बिहार का राज्यपाल रहते हुए साकारात्मक भूमिका निभायी और राज्य सरकार के साथ कामकाज में कोई टकराव की स्थिति नहीं उत्पन्न हुई. उन्हाेंने कहा कि कोविंद ने बिहार के राज्यपाल के रूप में दो साल के कार्यकाल के दौरान पद एवं मर्यादा का पालन किया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनके व्यवहार और कार्यशैली से संतुष्ट थे. इसी कारण राष्ट्रपति पद के लिए उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया.
जदयू के वरिष्ठ नेता ने कहा कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने चार जून को द्रमुक संस्थापक एम करुणानिधि के 94वें जन्मदिन के अवसर पर पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी का नाम विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर सुझाया था, लेकिन राजग ने कोविंद के नाम की घोषणा कर हम सभी को अचंभित कर दिया. बिहार के राज्यपाल के रूप में कोविंद के व्यवहार और कार्यकुशलता के कारण हम उनका समर्थन करने को विवश हुए.
केसी त्यागी ने कहा कि कोविंद की उम्मीदवारी का समर्थन किए जाने के बावजूद हम केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को हर मोर्चे पर विफल मानते हैं तथा विवादित मुद्दे यथा समान नागरिक संहिता, अनुच्छेद 370, अयोध्या आदि आज भी जदयू और भाजपा के बीच मतभेद है. मालूम हो कि केसी त्यागी ने बुधवार को ही स्पष्ट कर दिया था कि राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर निर्णय करने को लेकर विपक्षी दलों की गुरुवार को होनेवाली बैठक में उनकी पार्टी शामिल नहीं होगी.
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