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किसी ने मिलने के समय का बोर्ड हटाया तो किसी ने सप्ताह में दो दिन दो घंटे ही मुकर्रर रखा है वक्त

कौन सुने दर्द. जनता दरबार क्या खत्म हुए कि अधिकारियों से मिलना ही हो गया मुश्किल पटना : बिहार में अब अधिकारियों का जनता दरबार खत्म हो गया है. एक साल पहले लोक शिकायत निवारण अधिनियम के आने के बाद अब प्रखंड से लेकर अनुमंडल और जिले से लेकर प्रमंडल तक के अधिकारियों का जनता […]

कौन सुने दर्द. जनता दरबार क्या खत्म हुए कि अधिकारियों से मिलना ही हो गया मुश्किल
पटना : बिहार में अब अधिकारियों का जनता दरबार खत्म हो गया है. एक साल पहले लोक शिकायत निवारण अधिनियम के आने के बाद अब प्रखंड से लेकर अनुमंडल और जिले से लेकर प्रमंडल तक के अधिकारियों का जनता दरबार खत्म हो गया है और इसी के साथ खत्म हो गया अधिकारी और आम जनता के बीच मुलाकातों, शिकायतों को सुनाने और उसके समाधान का सिलसिला.
अब अधिकारी की मरजी हो गयी है वे चाहें तो आमलोगों से मिलें, उनके दुख दर्द सुनें या फिर उसे लोक शिकायत निवारण का काउंटर दिखला दें. ऐसा होने के कारण अब आम आदमी अधिकारियों तक जाने से झिझक रहा है. शिकायत आने के बाद प्रभात खबर ने कुछ प्रमुख दफ्तरों का हाल जानने के लिए पड़ताल किया.
वेटिंग रूम तो है पर िमलने का वक्त नहीं लिखा
यहां पर पहले मिलने का वक्त मुकर्रर था, लेकिन अब मुलाकात के एक घंटा का वक्त की पट्टी गायब हो चुकी है. डीएम संजय कुमार अग्रवाल का बोर्ड बड़ा हो गया है और पट्टी गायब हो गयी है. वेटिंग रूम तो बना दिया गया है, लेकिन यहां पर मिलने का वक्त लिखा नहीं हैं. हालांकि यहां के कर्मचारी कहते हैं कि जब डीएम यहां बैठे होते हैं तो वह खाली वक्त मिलते ही सभी लोगों को मिलने के लिए अवश्य बुलाते हैं. अभी जब संजय अग्रवाल लंबी छुट्टी पर हैं तो उनकी अनुपस्थिति में प्रभारी डीएम अजय कुमार अपने आपूर्ति एडीएम चैंबर में ही बैठते हैं.
प्रमंडलीय अायुक्त कार्यालय का तो हाल और भी बुरा
प्रमंडलीय अायुक्त कार्यालय का तो हाल और भी बुरा है. आम लोगों के लिहाज से यहां आना और कमिश्नर से मिलना एक सपने के सच होने जैसा है. दरअसल, अभी कमिश्नर इसके अलावे दो और पदों के प्रभार में हैं. इसमें बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के चेयरमैन का पद और जेल अधीक्षक का पद शामिल हैं. बोर्ड के अध्यक्ष होने के नाते वे ज्यादा समय बोर्ड में ही गुजारते हैं. इस कारण सप्ताह में एक दिन गुरुवार का समय प्रमंडल में तय कर दिया गया है. लेकिन, व्यस्तताओं का हाल यह है कि उस दिन भी आना कई बार संभव नहीं हो पाता है.
नगर निगम को लेकर लोगों की सबसे ज्यादा शिकायतें
नगर निगम को लेकर लोगों की सबसे ज्यादा शिकायतें हैं. चाहे शहर में बेहतर व्यवस्था चाहिए या कॉलोनी में. यदि समय पर होल्डिंग टैक्स जमा करना हो या फिर नक्शा पास कराना, इन सब कामों को लेकर यदि आप निगम के आयुक्त से मिलना चाहते हैं तो बड़ा मुश्किल है.
कमिश्नर ऑफिस के गेट पर ही नोटिस चिपका दिया गया है कि केवल सोमवार और मंगलवार को ही आप मिल सकते हैं. इन दो दिनों के लिए यदि आपने सप्ताह भर इंतजार किया और उसी दिन आयुक्त को सचिवालय में काम आ गया तो फिर उस दिन भी मिलना मुश्किल हो जायेगा.
गुरुवार को एसएसपी से फरियाद सुनाने को भीड़
कभी यहां गुरुवार को एसएसपी से फरियाद सुनाने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती थी. लेकिन अब हालत जुदा है. यहां पर एसएसपी की मरजी चलती है. यहां भी तय समय में शिकायतें नहीं सुनी जाती हैं. सुझाव को लेकर तो कोई विकल्प ही नहीं है. यहां आने वाले फरियादियों को यह बता दिया जाता है कि लोक शिकायत ऑफिस में उनकी शिकायतों का समाधान हो जायेगा. अभी एसएसपी मनु महाराज छुट्टी पर हैं, तो यहां बाकी अधिकारियों का रवैया भी आम लोगों के प्रति उदासीन दिखाई देता है. यही हालत सभी थाना इंचार्ज की है.

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