लालू यादव में गठबंधन तोड़ने की हिम्मत नहीं : सुशील मोदी
पटना : राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को जदयू के समर्थन देने की घोषणाकेबाद सेमहागठबंधन मेंबढ़ीतल्खी को लेकर भाजपा नेता सुशीलकुमारमोदी ने आज राजदपरतंज कसतेहुए कहा है कि लालू यादव में गठबंधन तोड़ने की हिम्मत नहीं है.सुशील मोदी ने कहा कि मीरा कुमार को दलित की बेटी बताने वाले लालू गिदड़भभकियां […]
पटना : राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को जदयू के समर्थन देने की घोषणाकेबाद सेमहागठबंधन मेंबढ़ीतल्खी को लेकर भाजपा नेता सुशीलकुमारमोदी ने आज राजदपरतंज कसतेहुए कहा है कि लालू यादव में गठबंधन तोड़ने की हिम्मत नहीं है.सुशील मोदी ने कहा कि मीरा कुमार को दलित की बेटी बताने वाले लालू गिदड़भभकियां ही दे सकते हैं. उन्होंने कहा किएनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार व बिहार के पूर्व राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राजद-कांग्रेस के विधायक व सांसद अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए मतदान करें.
भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने आगे कहा कि जबरामनाथ कोविंद की जीत सुनिश्चित है तो ऐसे में हारी हुई बाजी पर अपना मत बर्बाद करने का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद लाख गिदड़भभकियां दें, गठबंधन तोड़ने की उनमें हिम्मत नहीं हैं. उन्होंने कहा कि जदयू कोई भी डेडलाइन तय करें लालू प्रसाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अपमान करने वाले अपने बयानवीरों पर कार्रवाई नहीं करने वाले हैं.
सुशील मोदी ने कहा कि दलित विरोधी कांग्रेस ने 1969 में राष्ट्रपति के लिए जगजीवन राम का नाम उछाला मगर बाद में उन्हें धोखा देकर बीवी गिरि को अपना उम्मीदवार बना दिया.अगरऐसा नहीं हुआ होतातो जगजीवन राम उसी समय राष्ट्रपति बन गए होते. ऐसे में राजद और कांग्रेस के विधायकों व सांसदों को एक बार पुनर्विचार करना चाहिए.
भाजपा नेता नेसाथ ही कहा कि लालू प्रसाद को मालूम है कि अगर गठबंधन टूटता है तो सर्वाधिक नुकसान हजार करोड़ की बेनामी संपति के मामले में घिरे उनके बेटों व परिवार को होने वाला है. अपने बेटों को बचाने के लिए उन्हें राज्य सरकार का संरक्षण चाहिए. ऐसे में राजद के गरजने वाले बादल यानि प्रवक्ता कभी बरसेंगे नहीं. अकेले चुनाव लड़ने की हिम्मत भी उम्रदराज व अक्सर बीमार रहने वाले लालू प्रसाद में अब नहीं है.
सुशील मोदी ने कहा कि हर एक व्यक्ति यह जानता है कि लालू प्रसाद के इशारे पर रघुवंश प्रसाद सिंह और भाई वीरेन्द्र बयानबाजी कर मुख्यमंत्री का अपमान कर रहे हैं. ऐसे में जदयू कोई भी डेडलाइन तय करें वे प्रवक्ताओं पर कार्रवाई क्यों करेंगे?
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