चार लाख पेंशनर्स को नहीं मिलती फ्री चिकित्सा सुविधा

पेंशनर्स एसोसिएशन के राज्य में 350 ब्रांच पटना : हार में लगभग चार लाख पेंशनर्स को फ्री में मेडिकल फैसिलिटी नहीं मिलती है. राज्य में बिहार पेंशनर्स एसोसिएशन के 350 ब्रांच हैं और इससे 3.90 लाख कर्मचारी जुड़े हुए हैं. यहां पेंशनर्स को मदद के नाम पर 200 रुपया महीने का मेडिकल भत्ता दिया जाता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 27, 2017 8:44 AM
पेंशनर्स एसोसिएशन के राज्य में 350 ब्रांच
पटना : हार में लगभग चार लाख पेंशनर्स को फ्री में मेडिकल फैसिलिटी नहीं मिलती है. राज्य में बिहार पेंशनर्स एसोसिएशन के 350 ब्रांच हैं और इससे 3.90 लाख कर्मचारी जुड़े हुए हैं. यहां पेंशनर्स को मदद के नाम पर 200 रुपया महीने का मेडिकल भत्ता दिया जाता है जो आज के दौर में कितना महत्वपूर्ण है वह आप सब जान सकते हैं. पेंशनर एसोसिएशन ने इसके लिए लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी लेकिन अभी तक इन्हें इसके अतिरिक्त कोई मदद नहीं मिलती है.
कोर्ट ने भी दिया था नियमावली बनाने का निर्देश : पटना उच्च न्यायालय ने 1996 और इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 1998 में यह निर्देश दिया था कि बिहार के पेंशनरों को नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नियमावली तीन महीने के अंदर तैयार कर लिया जाये, लेकिन 2008 तक कोई नियमावली नहीं बन पायी.
2008 में जब दोबारा रिट याचिका दायर की गयी, तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक संलेख तैयार किया गया. इसे ही न्यायालय ने नियमावली मान लिया और याचिका को निष्पादित कर दिया. जब उस संकल्प संख्या 944-14 को देखने पर पेंशनरों को पता चला कि गंभीर बीमारियों के लिए जो राशि उपलब्ध करायी गयी वह सीएम चिकित्सा कोष द्वारा बीपीएल परिवार के सदस्यों के लिए एक लाख तक इलाज की सुविधा देनेवाली योजना थी. इसमें 200 रुपये महीने चिकित्सा भत्ता को भी छोड़ने के विकल्प का प्रावधान कर दिया. इसे बिहार पेंशनर एसोसिएशन ने अस्वीकार कर दिया. अभी वही स्थिति बरकरार है.
अन्य राज्यों में क्या है हाल
उतर प्रदेश में कैशलेस मिलती है चिकित्सा सुविधा
रिटायर कर्मचारियों (पेंशनरों) को कैशलेस चिकित्सा सुविधा मिलती है. गंभीर बीमारियों का इलाज प्लास्टिक कार्ड के जरिये पीजीआइ, लोहिया, रिम्स सैफई तथा मेडिकल काॅलेजों के साथ प्रदेश के बड़े चिह्नित प्राइवेट अस्पतालों जिसमें टाटा मेमोरियल मुंबई आदि शामिल हैं, में इलाज कराया जाता है.
झारखंड में 300 रुपये महीने के साथ कैशलेस इलाज
झारखंड में कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदेश के लाखों कर्मचारी, अधिकारी और रिटायर कर्मियों को मिलती है. इससे इलाज से पहले धन इकट्ठा करने और बाद में भुगतान कराने में आने वाली परेशानियों से राहत मिलती है. इसके अतिरिक्त पेंशनर्स को 300 रुपये प्रति महीने का भत्ता भी मिलता है.
क्या कहते हैं अधिकारी
बिहार देश का इकलौता ऐसा राज्य है जहां के लगभग 4 लाख पेंशनर्स को मुफ्त में चिकित्सा सुविधा नहीं मिलती है. सुविधा के नाम पर हमें केवल 200 रुपये महीना चिकित्सा भत्ता मिलता है. इस राशि में तो किसी डाक्टर के पास आप पुरजा भी नहीं कटा सकते हैं. अभी 80 प्रतिशत पेंशनर समुचित इलाज नहीं करा पाते हैं.
रविशंकर सिन्हा, महासचिव, बिहार पेंशनर्स एसोसिएशन

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