नयी दिल्ली : कांग्रेस और समर्थक पार्टियों की राष्ट्रपति उम्मीदवार मीरा कुमार ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेन्स आयोजित कर राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाये जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत अन्य समर्थक पार्टियों को शुक्रिया अदा करते हुए घोषणा की कि वह गुजरात के साबरमती से राष्ट्रपति चुनाव के लिए अभियान शुरू करेंगी. साथ ही उन्होंने संवाददाताओं के तीखे प्रश्नों का भी बेबाकी से जवाब देते हुए एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को चुनौती देते हुए कहा कि वह सभी दलों समेत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिख कर समर्थन देने का आग्रह किया है.
मीरा कुमार ने कहा कि वह राष्ट्रपति पद के साथ-साथ विचारधारा की लड़ाई भी लड़ रहीं हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने पर कहा कि मैंने नीतीश कुमार को भी खत लिखा है. मेरा समर्थन करना या नहीं करना पूरी तरह नतीश कुमार और उनकी पार्टी पर निर्भर करता है. मीरा कुमार ने राष्ट्रपति चुनाव को विचारधारा की लड़ाई से जोड़ते हुए कहा कि मैं प्रेस की आजादी, गरीबी उन्मुक्तता, लोकतांत्रिक समाजिक न्याय में आस्था रखती हूं. जातिगत राजनीति पर हमला बोलते हुए मीरा कुमार ने कहा कि देश में इससे पहले भी तथाकथित उच्च जाति के राष्ट्रपति बने, पर कभी किसी ने उनकी जाति को मुद्दा नहीं बनाया. सबने उनके गुणों और काबिलियत को देखा. लेकिन, मैं देख रही हूं कि इस बार के राष्ट्रपति चुनाव में जातिगत मुद्दों को उठाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मेरे विचार से इस जाति को ही एक गठरी में बांध कर जमीन के बहुत भीतर गाड़ देना चाहिए. देश में जातिगत राजनीति नहीं होनी चाहिए.
विपक्ष की राष्ट्रपति उम्मीदवार ने सुषमा स्वराज द्वारा लगाये गये आरोप पर कहा कि मेरे लोकसभा अध्यक्ष काल के समापन के दिन सभी दलों ने स्पीच दिया. वह रिकॉर्ड पर है. मेरी कार्यशैली पर आज तक कभी किसी ने आरोप नहीं लगाया. मैंने कभी किसी के साथ पक्षपातपूर्ण व्यवहार नहीं किया.