सुशील मोदी का नया खुलासा : मुखौटा कंपनी ”फेयर ग्रो” के सहारे तेजस्वी ने खरीदी बेनामी संपत्ति
पटना: भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को लालू परिवार पर एक बार फिर से हमला बोलते हुए नया खुलासा किया है.सुशील मोदी ने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद के बेटे और राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक मुखौटा कंपनी फेयर ग्रो होल्डिंग प्रा. लि. पर कब्जा कर […]
पटना: भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को लालू परिवार पर एक बार फिर से हमला बोलते हुए नया खुलासा किया है.सुशील मोदी ने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद के बेटे और राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक मुखौटा कंपनी फेयर ग्रो होल्डिंग प्रा. लि. पर कब्जा कर लिया तथा इसी कंपनी के माध्यम से उन्होंने बेनामी संपत्ति खरीदी.
भाजपा नेता ने कहा कि दरभंगा और हथुआ महाराज की तरह लालू प्रसादकी कितनी संपत्ति है यह जानकारी खुद उन्हीं को नहीं है. यह जानकारी सिर्फ भोला यादव और शक्ति यादव को है. सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद सत्ता का संरक्षण लेकर अपने बेटों को बचाने में लगे हैं लेकिन अब एेसा नहीं होगी. जल्द कानूनी कार्रवाई होगी. सुशील मोदी ने आज जनता दरबार के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बातें कहीं.
सुशील मोदी ने कहा कि अभी तक पांच मुखौटा कंपनियों का खुलासा हो चुका है. इन कंपनियों के माध्यम से करोड़ों की बेनामी संपत्ति खरीदकर पूरी कंपनी पर तेजस्वी यादव औरर मीसा भारती के परिवार ने कब्जा जमा लिया है. डिलाइट मार्केटिंग, एबी एक्सपोर्ट, एके इन्फोसिस्टम, की तेजस्वी यादव एवं राबड़ी देवी मालिक हो गये हैं. मिशेल पैकर्श तथा केएचके होल्डिंग पर मीसा भारती का पूरा कब्जा है. इसी श्रृखंला में छठी मुखौटा कंपनी फेयरग्रो के माध्यम से भी बेनामी सम्पत्ति खरीदी गयी है.
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोलकाता केपी सरावगी तथा एके महेश्वरी ने 1991 में फेयरग्रो होल्डिंग नामक एक कंपनी 35 लाख की पूंजी निवेश से 130-1 बाकुल बगान रोड थाना-भवानीपुर, कोलकाता के पते पर प्राइवेट लि कंपनी स्थापित की. लालू प्रसाद के रेल मंत्रित्वकाल काल में उनके द्वारा नियुक्त कंपनी मामलों के मंत्री ने उसे टेकओवर कर लिया. विजय पाल त्रिपाठी कंपनी के निदेशक बनाये गये जो प्रेमचंद गुप्ता की कंपनी डिलाइट मार्केटिंग के भी उस दौरान निदेशक थे. प्रेमचंद गुप्ता के एक अन्य सहयोगी अनिल तुलस्यान को भी 2006 में निदेशक बनाया गया.
भाजपा नेता ने कहा कि 19 जून 2014 को पुराने निदेशकों को हटाकर तेजस्वी यादव, तेज प्रताप, चंदा यादव और रागिनी को कंपनी का निदेशक बनाया गया. लालू प्रसाद जब रेल मंत्री थे उसी दौरान इस कंपनी ने 76.32 लाख का एक मकान खरीदा. 2011 तक कंपनी के बैलेंस शीट में जहां 76 .32 लाख का भवन दिखलाया जा रहा था, उसे अचानक 2012 की वैलेंस शीट में 76 .32 लाख की जमीन दिखलाया जाने लगा. 2008 की 76 लाख की इस संपत्ति की कीमत 10 करोड़ से कम नहीं होगी. इस प्रकार तेजस्वी यादव एवं परिवार करोड़ों की जमीन सहित 2014 में कंपनी के मालिक बन बैठे.
सुशील मोदी ने कहा कि कंपनी का पता 130-1 बाकुल बगान रोड कोलकाता बताया गया है उस पते पर इस नाम की कोई कंपनी स्थित नहीं है. इस कंपनी में 15 व्यक्तियों के पास 15 हजार शेयर प्रति व्यक्ति तथा 5 कंपनी के पास 20 हजार शेयर प्रति कंपनी कुल साढे तीन लाख शेयर दिखाये गये हैं. दो जीसी एवेन्यू कोलकता के पते पर 15 शेयर होल्डर में से आठ लोगों का पता दिखलाया गया है. जांच करने पर इस पते पर कोई शेयर होल्डर नहीं पाया गया. कंपनी के 2016 के रिटर्न में सभी 20 शेयर होल्डर का एक ही पता 130-1 ए बाकुल बगान दिखाया गया है. जांच करने पर ये सारे पते फर्जी पाये गये. यानि ये सारे शेयर होल्डर फर्जी हैं.
भाजपानेता ने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर इस कंपनी प्रारंभिक प्रमोटर पी सरागवी तथा एके महेश्वरी ने 2006 में इस कंपनी को प्रेमचंद गुप्ता के लोगों को क्यों सौप दिया. प्रेम चंद गुप्ता के नजदीकी विजय पाल त्रिपाठी, अनिल तुलस्यान ने 2014 में पूरी कंपनी तेजस्वी के भाई और बहनों को क्यों सौंप दिया. लालू प्रसाद जब रेल मंत्री थे उसी दौरान वर्ष 2008 में ही 76 लाख रूपया का मकान क्यों खरीदा गया. कंपनी 130-1 बाकुल बगान के पते से कहां गायब हो गयी. आखिर इस कंपनी ने तेजस्वी और अन्य को अपना निदेशक क्यों बना दिया. ये सारे शेयर होल्डर कौन हैं जो खुद निदेशक बनने के बजाए तेजस्वी यादव और उनके परिवार को निदेशक बना दिया. आखिर ये 76 लाख लाख का मकान या जमीन कहां है.
ये भी पढ़ें…बेनामी संपत्ति मामला : सीए राजेश ने ED के सामने लिया मीसा का नाम, बढ़ सकती हैं मुश्किलें