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जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र के कागज की कमी

परेशानी : एक साल से योजनाओं का लाभ पाने के लिए लोग समय पर नहीं कर पा रहे हैं आवेदन प्रदेश के कई जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र लेने में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसकी वजह इसे दर्ज किये जाने वाले कागज की कमी बतायी जा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 28, 2017 7:39 AM
परेशानी : एक साल से योजनाओं का लाभ पाने के लिए लोग समय पर नहीं कर पा रहे हैं आवेदन
प्रदेश के कई जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र लेने में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसकी वजह इसे दर्ज किये जाने वाले कागज की कमी बतायी जा रही है.
इस कारण पिछले एक साल से लोग सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए समय पर आवेदन नहीं कर पा रहे हैं. वहीं योजना एवं विकास विभाग का दावा है कि उसके पास पर्याप्त मात्रा में यह उपलब्ध है. सूत्रों की मानें तो साल 2012 से ग्रामीण इलाकों में पंचायत सेवक और आंगनबाड़ी सेविका जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र दर्ज कर उसे उपलब्ध करवाने का काम सौंपा गया है. पिछले एक साल से इसे दर्ज करने वाले लाल और पीले रंग की तीन कॉलम वाले कागजात इन्हें नहीं मिल पा रहे हैं. इसकी मांग करने पर जिला सांख्यिकी पदाधिकारी के यहां से इसे उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है.
इस कारण पंचायत सेवक और आंगनबाड़ी सेविका अपने रजिस्टर में जन्म और मृत्यु का डिटेल दर्ज तो कर रहे हैं, लेकिन आवेदक को हाथोंहाथ प्रमाणपत्र नहीं दे पा रहे हैं.
पंचायत सेवक और आंगनबाड़ी सेविका के पास उपलब्ध तीन कॉलमों वाले प्रारूप में जन्म और मृत्यु का पूरा डिटेल दर्ज कर एक कॉलम आवेदक को दिया जाता है. एक प्रारूप बीडीओ को भेज दिया जाता है.
सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने में परेशानी : समय पर जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं मिलने का सबसे बड़ा नुकसान मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना को रहा है. इस योजना का लाभ पाने के लिए कन्या के जन्म से एक साल के भीतर आवेदन करना होता है.
इसके लिए जन्मप्रमाण पत्र आवश्यक है. यदि यह समय पर नहीं मिल पाया तो अावेदक को इसका लाभ नहीं दिया जा सकता. वहीं इंश्यारेंस करवाये व्यक्ति की मृत्यु के बाद इंश्योरेंस की राशि पाने के लिए आवेदन करते वक्त मृत्यु प्रमाणपत्र होना आवश्यक है. इसके अभाव में मृतक के परिवार को इसका लाभ नहीं दिया जा सकता.
क्या कहता है योजना एवं विकास विभाग : योजना एवं विकास विभाग के अर्थ और सांख्यिकी निदेशालय के वरिष्ठ संयुक्त निदेशक उपेंद्र कुमार दास ने कहा कि जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र दर्ज करने वाली सूची की पिछले दो महीने से कोई कमी नहीं है. यह पर्याप्त संख्या में उपलब्ध है. हर जिले को आवश्यकतानुसार इसे ले जाने के लिए पत्र लिखा गया है. हाल ही में इसके लिए दो लाख रुपये की राशि भी आवंटित हुई है.

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