प्रति माह पचास करोड़ वसूलती है एनएचएआइ
17 टॉल प्लाजा से होती है मासिक वसूली पटना : राज्य में नेशनल हाइवे सड़कों की भले ही खस्ता हाल हो पर टॉल टैक्स वसूलने में वह पीछे नहीं है. नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) बिहारवासियों की जेब से एनएच पर गुजरने की एवज में प्रति माह पचास करोड़ निकाल ले जा रही है. […]
17 टॉल प्लाजा से होती है मासिक वसूली
पटना : राज्य में नेशनल हाइवे सड़कों की भले ही खस्ता हाल हो पर टॉल टैक्स वसूलने में वह पीछे नहीं है. नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) बिहारवासियों की जेब से एनएच पर गुजरने की एवज में प्रति माह पचास करोड़ निकाल ले जा रही है.
राज्य के 4621 किलोमीटर लंबी नेशनल हाइवे पर 17 टॉल प्लाजा बनाये गये हैं. इतनी बड़ी टॉल वसूली के बावजूद सड़कों पर सुविधा नदारद दिखती है. दूसरी ओर दर्जनभर से अधिक एनएच सड़कें अभी भी अधूरी पड़ी हैं. जिसके कारण प्रतिदिन लोगों को अपनी जान हथेली पर लेकर गुजरना पड़ता है.
टॉल प्लाजा पर भी मानक के अनुसार बुनियादी जरूरतों की सुविधाएं नदारद दिखती है. एनएचएआइ को पैसे वसलूने की एवज में उस पूरे स्ट्रेस में किसी तरह की दुर्घटना होने पर उस रूट पर तैनात एंबुलेंस, क्रेन व पेट्रोलिंग पार्टी को सहयोग करना होता है. फोर लेन पर मानक के अनुसार सड़क किनारे बोर्ड में हेल्पलाइन नंबर, एंबुलेंस का नंबर आदि डिस्प्ले होना चाहिए. कई फोर लेन पर यह देखने को नहीं मिलता है. एनएचएआइ के अलावा बीओटी मोड में टॉल वसूली होती है.
यात्रियों के लिए नि:शुल्क व्यवस्था : नेशनल हाइवे सड़कों पर गुजरनेवाले यात्रियों के लिए एंबुलेंस, क्रेन आदि की व्यवस्था नि:शुल्क है. सुविधा पाने के लिए दिये गये टॉल प्लाजा पर हेल्पलाइन नंबर पर डायल कर सहयोग लिया जा सकता है. एनएचएआइ द्वारा किये गये एंबुलेंस के इंतजाम से दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को तत्काल नजदीक के अस्पताल में पहुंचाने की व्यवस्था है.
दुर्घटनाग्रस्त लोगों को फर्स्ट एड की सहायता देने सहित नजदीक के अस्पताल में पहुंचाने का काम एंबुलेंस द्वारा किया जाता है. फोर लेन पर होनेवाले अवरोध को दूर करने के लिए क्रेन का सहयोग मिलता है. बीओटी से बननेवाले फोर लेन पर निर्माण एजेंसी यात्रियों को सुरक्षा सुविधा उपलब्ध कराती है. अधिकारियों के मुताबिक सुरक्षा व मेंटेनेंस मद में लगभग 50 फीसदी राशि खर्च होती है.
नेशनल हाइवे सड़कों पर किसी वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने पर घायल यात्री को नजदीक के अस्पताल में पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था, वाहन के खराब होने पर जाम लगने पर उसे हटाने के लिए क्रेन का टोल प्लाजा पर होना आवश्यक है. यह व्यवस्था एक टोल प्लाजा से दूसरे टोल प्लाजा के बीच होनी चाहिए. एनएचएआइ के तय मानक के अनुसार फोर लेन पर यह व्यवस्था की जाती है.
एनएचएआइ के टोल प्लाजा पर कांट्रैक्ट एजेंसी सुविधा मुहैया करा रही है. टोल प्लाजा पर जमा होनेवाली राशि के बदले में मिलनेवाली रसीद पर हेल्पलाइन नंबर अंकित रहता है. किसी तरह की समस्या को लेकर अंकित नंबर पर डायल कर सहयोग लिया जा सकता है.