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आरटीआइ : आवेदनों की भरमार निगम में यह हथियार भी बेकार
अव्यवस्था : 17 प्रतिशत लोगों को ही मिली जानकारी, वह भी सही नहीं अनिकेत त्रिवेदी पटना : भले ही सूचना के अधिकार के तहत देश के बड़े घोटाले पकड़े गये. बेबस आदमी इसे एक कारगर हथियार के रूप में प्रयोग करता रहा है, पर निगम पर ये हथियार भी बेकार साबित हो रहा है. आम […]
अव्यवस्था : 17 प्रतिशत लोगों को ही मिली जानकारी, वह भी सही नहीं
अनिकेत त्रिवेदी
पटना : भले ही सूचना के अधिकार के तहत देश के बड़े घोटाले पकड़े गये. बेबस आदमी इसे एक कारगर हथियार के रूप में प्रयोग करता रहा है, पर निगम पर ये हथियार भी बेकार साबित हो रहा है.
आम आदमी आवेदन पर आवेदन दे रहा, पर निगम उसका जवाब ही नहीं दे रहा है. बीते वर्ष जनवरी, 2016 से जून, 2017 तक नगर निगम में सूचना के लिए 4700 से अधिक लोगों ने आवेदन किया. लेकिन, निगम ने इन आवेदनों के महज 17 फीसदी का ही जवाब दिया है. जबकि, करीब 240 लोगों को गलत सूचना दी गयी है, जिसके जवाब में लोगों ने राज्य सूचना आयोग में अपील की है.
गौरतलब है कि वर्ष 2005 से देश के हर आदमी को सूचना पाने का अधिकार है. अगर सरकारी विभाग की योजनाओं में कोई गड़बड़ी होती है. किसी का काम बेवजह लटकता
है. अधिकारी बात नहीं सुनते, तो आम आदमी एक कारगर हथियार के रूप में सूचना के अधिकार का प्रयोग करता है.कोई स्थायी ठिकाना नहीं : सूचना के अधिकार को लेकर नगर निगम में कोई व्यवस्था नहीं है. निगम में लोक सूचना पदाधिकारी का कार्यालय भी नहीं है. बुद्ध मार्ग स्थित नगर निगम के पुराने कार्यालय में छोटा सा कमरा दिया गया है. इसमें मात्र एक सहायक कर्मचारी बैठते हैं.
कई बार आवेदन पर कार्रवाई नहीं होने पर लोग मिलने आते हैं, पर अधिकारी का चेंबर या कोई स्थायी ठिकाना नहीं होने पर मुलाकात नहीं हो पाती है. निगम में डाॅ महेंद्र सिंह को लोक सूचना पदाधिकारी की जिम्मेवारी दी गयी है. वह निगम में सफाई में लगे वाहनों को ईंधन के कूपन व रसीद के हिसाब करने की भी जिम्मेवारी है. इस कारण वह इसमें व्यस्त रहते हैं. वहीं पूर्व अपर नगर आयुक्त (स्थापना) ने मौर्यालोक निगम मुख्यालय में जगह का आवंटन भी किया था, पर सूचना पदाधिकारी नहीं बैठे.
30 दिनों में देनी होती है सूचना, द्वितीय अपील पदाधिकारी का भी बोर्ड नहीं: सूचना के अधिकार के तहत नगर निगम को 30 दिनों के भीतर सूचना उपलब्ध करानी है.
इसके लिए प्रपत्र क के आधार पर आवेदन करना होता है. इसके लिए दस रुपये का पोस्टल ऑर्डर लगाना होता है. अगर पोस्टल ऑर्डर नहीं हो तो आवेदन के लिए दस रुपये की रसीद देनी होती है.
भले ही राज्य सूचना आयोग में एेसी सुविधा हो, लेकिन नगर निगम में रसीद की सुविधा नहीं है. इसके अलावा फिलहाल नगर सचिव सह बांकीपुर अंचल पदाधिकारी अब्दुल हमीद को सूचना अधिकार के द्वितीय अपील पदाधिकारी का प्रभार दिया गया है. निगम मुख्यालय में भी बतौर द्वितीय अपील पदाधिकारी का बोर्ड नहींलगाया गया है.
नगर निगम के सूचना का अधिकार से संबंधित आंकड़ा आपको किसने दिया. पहले आप हमें इसकी जानकारी दें. इसके बाद ही मैं आपके प्रश्नों का जवाब दूंगा.
अभिषेक सिंह, नगर अायुक्त
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