बाल विवाह से किया इनकार, मैट्रिक में अच्छे अंकों से हुई पास

रिंकू झा पटना : अगर खुद पर यकीन हो तो हर असंभव को संभव किया जा सकता है. कुछ एेसा ही खुद पर यकीन कर ये बेटियां जब आगे बढ़ीं तो इनकी मदद के लिए कई हाथ आगे आये. परिवार का, समाज का विराेध कर ये आगे बढ़ीं. कई मुश्किलें आयीं. लेकिन हार नहीं मानी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 30, 2017 8:09 AM
रिंकू झा
पटना : अगर खुद पर यकीन हो तो हर असंभव को संभव किया जा सकता है. कुछ एेसा ही खुद पर यकीन कर ये बेटियां जब आगे बढ़ीं तो इनकी मदद के लिए कई हाथ आगे आये.
परिवार का, समाज का विराेध कर ये आगे बढ़ीं. कई मुश्किलें आयीं. लेकिन हार नहीं मानी बस आगे बढ़ती रहीं. अपने लिए खुद रास्ता बनाने वाली इन बेटियों के हाथ में अब मैट्रिक का रिजल्ट है. इस रिजल्ट को लेकर अब वो अपना भविष्य गढ़ना चाहती हैं. पटना और उसके आसपास के गांव की इन बेटियों ने पहले बाल विवाह का विराेध किया. इसके बाद पढ़ाई शुरू की और मैट्रिक परीक्षा में अच्छे अंकों से पास की है.
कुरकुरी, फुलवारीशरीफ की मधु कुमारी की शादी 2015 में 12 साल की उम्र में ही करायी जा रही थी. मधु ने इसका विरोध किया. वह आगे पढ़ना चाहती थी. घरवालों को समझाया. जैसे-तैसे शादी रुकी. इसके बाद मधु कुमारी ने आगे की पढ़ाई की. वर्ष 2016 में मैट्रिक परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया. वर्ष 2017 की मैट्रिक परीक्षा में 337 अंकों से वह पास हुई है. मधु आगे मेडिकल क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहती है.
नजहत परवीन लामिया दीघा की रहने वाली है. नजहत तीसरी क्लास तक ही पढ़ पायी. इसके बाद उसकी पढ़ाई बंद करवा दी गयी. परिवारवालों ने नजहत की शादी तब करने की कोशिश कि जब उसकी उम्र मात्र 10 साल थी. लेकिन, नजहत ने विरोध कर अपनी शादी रुकवायी. इसके बाद दो साल पढ़ाई की और वर्ष 2017 की मैट्रिक परीक्षा में 322 अंकों से पास कर अपनी पहचान बना ली है.
गांव से निकल अपने लिए खुद रास्ता तलाश रही हैं बेटियां
जेबा परवीन
दूसरों के लिए बनी प्रेरक
जेबा परवीन अपने गांव नेहारपुरा की पहली बेटी है जिसने मैट्रिक परीक्षा पास की है. इतना ही नहीं जेबा अपने परिवार की भी पहली बेटी है, जो पढ़ाई कर रही है. बाल विवाह का विरोध और मुश्किल भरा सफर तय करने के बाद अब जेबा परवीन गांव के लिए प्रेरक बन गयी है. जेबा ने बताया कि आज जब वह मैट्रिक की परीक्षा पास कर गयी है, तो सब साथ दे रहे हैं. उसका कहना है कि दूसरों को भी बाल विवाह का विरोध करने को कहेगी.
भारती कुमारी
इंटर कर बनना है डाॅक्टर
भारती कुमारी के गांव और उसके आसपास डाॅक्टर नहीं है. इससे गांव वालों को कई तरह की परेशानी होती है. भारती के अनुसार उसकी शादी 12 साल की उम्र में करवायी जा रही थी. शादी ठीक कर दी गयी थी. पढ़ना चाहती थी, इसलिए विरोध किया तो शादी रुकी. मैं मैट्रिक पास कर पायी. अब इंटर की पढ़ाई साइंस लेकर करना है. मेडिकल के क्षेत्र में जाना चाहती हूं, ताकि गांव में डाॅक्टर की कमी दूर हो सके.
पिंकी कुमारी
अब करना चाहती है सेवा
अदपा गांव की रहने वाले पिंकी कुमारी काे मैट्रिक की परीक्षा में 322 अंक आये हैं. पिंकी ने बताया कि मैट्रिक परीक्षा दिलवाने में उनकी मदद आगा खां फाउंडेशन द्वारा की गयी है. अगर यह संस्था मदद नहीं करती तो वह आज मैट्रिक की परीक्षा पास नहीं कर पाती. पिंकी सामाजिक कार्य कर अपने जैसी बेटियों को जागरूक करना चाहती है. पिंकी ने बताया कि वह उन तमाम बेटियों को शिक्षा से जोड़ना चाहती है, जो पढ़ना चाहती हैं.

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