भगवान की जमीन को भी नहीं बख्शा
कोई मालिक बन बैठा, तो किसी ने जमा लिया कब्जा पटना : कहते हैं भगवान के नाम पर जो संपत्ति होती है वह धर्मार्थ होता है. उसपर किसी का व्यक्तिगत अधिकार नहीं होता है, लेकिन संपत्ति बढ़ाने का लोभ इनसान में इस कदर हावी होता जा रहा है कि मठ-मंदिर के अमानत की रक्षा करने […]
कोई मालिक बन बैठा, तो किसी ने जमा लिया कब्जा
पटना : कहते हैं भगवान के नाम पर जो संपत्ति होती है वह धर्मार्थ होता है. उसपर किसी का व्यक्तिगत अधिकार नहीं होता है, लेकिन संपत्ति बढ़ाने का लोभ इनसान में इस कदर हावी होता जा रहा है कि मठ-मंदिर के अमानत की रक्षा करने वाले ही उनकी अमानत पर कुंडली मार कर बैठ रहे हैं. कोई भगवान की सेवा के नाम पर जमीन का खुद मालिक बन रहा है तो किसी ने जबरदस्ती उस पर कब्जा जमा लिया है. रविशंकर उपाध्याय की एक िरपोर्ट.
राधाकृष्ण मंदिर एक्जीबिशन रोड
एक्जीबिशन रोड में 125 साल पुराना यह मंदिर रामगुलाम चौक पर ही स्थित है. आगे मंदिर उसके बगल में बड़ा धर्मशाला और फिर 47 से ज्यादा दुकान मंदिर की संपत्ति है. ठाकुरबाड़ी की परिसंपत्ति की कुल 36 कट्ठे की जमीन है. जिसका प्लॉट नं 891, 892, 893 और 907 है.
इसका होल्डिंग संख्या 139, 149 और 141 है. मंदिर की जमीन पर 47 किरायेदार 70-80 सालों से रहते आ रहे हैं. यहां के किरायेदार महेश्वर साह, प्रेम कुमार गुप्ता, संजय सिन्हा, गोपाल सिंह, शांति देवी अौर राहुल कुमार आदि का कहना है कि पहले सेवायत शंभू प्रसाद द्वारा उन्हें राधाकृष्ण मंदिर लिखा हुआ रसीद दिया जाता था. इसके बाद उन्होंने मकान मालिक का रसीद देना शुरू कर दिया. बताते हैं कि यह उनकी निजी जमीन है. उन्होंने रसीद की कॉपी भी दिखाई जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि संपत्ति उन्होंने अपने नाम करा ली है.
हनुमान मंदिर, बोरिंग रोड चौराहा
शहर के सबसे पॉश इलाके के इस मंदिर की भी यही कहानी है. मंदिर आपको छोटा दिखाई देता है, लेकिन हनुमान जी के नाम पर करीब सवा कट्ठे की इस जमीन पर मंदिर के अलावा आठ दुकान स्थित हैं. इनसे लाखों की कमाई होती है जो एक व्यक्ति अपने नाम पर वसूल रहा है.
धार्मिक न्यास बोर्ड के तहत निबंधन संख्या 3994 से निबंधित यह सार्वजनिक धार्मिक न्यास है. इस पर डॉ हित नारायण राय ने अवर न्यायाधीश के न्यायालय में स्वत्ववाद दाखिल किया गया. इसे न्यायालय ने खारिज करते हुए कहा कि मामला उनके क्षेत्र का नहीं है. इसके बाद हित नारायण राय जिला न्यायाधीश के काेर्ट में गये लेकिन उस अपील में भी धार्मिक न्यास बोर्ड के आदेश पर रोक नहीं लगायी गयी. इसके बाद भी इस जमीन को निजी बताया जा रहा है और सभी दुकानों का किराया वसूला जा रहा है.
राधाकृष्ण प्रणामी मंदिर, राजापुर पुल
राधाकृष्ण प्रणामी मंदिर राजापुर पुल की संपत्ति गंगा किनारे भी है और शिवपुरी में भी मंदिर के नाम पर तकरीबन कुल 20 कट्ठे की जमीन है. यहां से मिली जानकारी के अनुसार करीब 14 कट्ठे की जमीन पर अभी अवैध कब्जा है. इसके साथ ही मंदिर के आसपास की दो से तीन कट्ठा की जमीन अतिक्रमित है.
इन सारी जमीन पर अतिक्रमण का मामला कोर्ट में है. अभी तक कोई फैसला नहीं आने से मंदिर का हाल खराब होता जा रहा है. बता दें कि मंदिर में आस्ता रखने वाले दूर दूर से श्रद्धालु यहां पर वार्षिकोत्सव में शामिल होने के लिए आते हैं.