रिपोर्ट : जब धमाका हुआ, 185 किलोमीटर की स्पीड से दौड़ रहा था प्लेन
पटना : 100 नॉट्स (185 किमी) की रफ्तार से इंडिगो एयरलाइंस का एयरबस 320 रनवे पर दौड़ रहा था, टेकऑफ में चार-पांच सेकेंड ही बचे थे कि चिनगारी निकलने लगी और धमाके के साथ पूरा विमान कांप उठा था. पायलट ने विमान के कंपन और आवाज पर ध्यान देते हुए तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगायी और […]
पटना : 100 नॉट्स (185 किमी) की रफ्तार से इंडिगो एयरलाइंस का एयरबस 320 रनवे पर दौड़ रहा था, टेकऑफ में चार-पांच सेकेंड ही बचे थे कि चिनगारी निकलने लगी और धमाके के साथ पूरा विमान कांप उठा था. पायलट ने विमान के कंपन और आवाज पर ध्यान देते हुए तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगायी और 300 मीटर तक जाते-जाते प्लेन रुक गया. एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के रीजनल एजक्यूटिव डायरेक्टर को भेजी गयी ब्रीफ इंसिडेंट रिपोर्ट में एयर ट्रैफिक एडमिस्ट्रेशन ने कुछ इसी तरह से शुक्रवार के इंडिगो हादसे का वर्णन किया है. दुर्घटना के फौरन बाद यात्रियों की आंखों देखी और एयरपोर्ट प्रशासन के दावे परस्पर विरोधी लग रहे थे.
यात्री चिनगारी, धुआं देखने और तेज आवाज सुनने की बात कह रहे थे जबकि एयरपोर्ट प्रशासन केवल बायें इंजन के फेल होने की बात कह रहा था. हालांकि आगे की जांच से स्पष्ट हो गया कि दोनों बातें सही थीं. इंजन फेल होने की वजह शॉर्ट सर्किट और धमाका हुआ. रिपोर्ट में इस बात को भी स्वीकार किया गया है कि पायलट ने सूझबूझ का परिचय देते हुए यदि तुरंत ब्रेक नहीं लगाया होता और कुछ सेकेंड की भी देरी होती तो विमान हवा में होता और फिर बड़ा हादसा हो सकता था.
विमान में फ्यूल पूरा भरा हुआ था. एयरपोर्ट निदेशक ने बताया कि बायां इंजन फेल होने के बाद यदि विमान उड़ भी जाता तो इसे दोबारा लैंड करवाना पड़ता, क्योंकि इस स्थिति में विमान को उड़ने की इजाजत नहीं दी जाती है. एकमात्र कार्यरत इंजन के फेल करने के बाद विमान कटे पर वाले पक्षी की तरह गिर जाता. सिंगल इंजन के सहारे लैंडिंग भी बेहद मुश्किल होती क्योंकि भरे टंकी के कारण विमान पर लोड बहुत था. साथ ही पटना एयरपोर्ट पर रन-वे का आकार भी बहुत छोटा है, जिससे दुर्घटना की आशंका बहुत बढ़ जाती.