डीसीएलआर ने की कई अवैध बंदोबस्ती

पटना: कंकड़बाग पावर सब-स्टेशन की सरकारी जमीन निजी बिल्डर और जमीन माफिया को बंदोबस्त करने के मामले में फरार चल रहे तत्कालीन डीसीएलआर मिथिलेश प्रसाद सिंह पर ऐसे ही कई और आरोप हैं. उन्होंने शहर के कई अन्य सरकारी जमीनों की बंदोबस्ती रसूखदार व्यक्तियों के नाम कर दी है. इस खेल में लाखों रुपये का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 2, 2017 7:50 AM
पटना: कंकड़बाग पावर सब-स्टेशन की सरकारी जमीन निजी बिल्डर और जमीन माफिया को बंदोबस्त करने के मामले में फरार चल रहे तत्कालीन डीसीएलआर मिथिलेश प्रसाद सिंह पर ऐसे ही कई और आरोप हैं. उन्होंने शहर के कई अन्य सरकारी जमीनों की बंदोबस्ती रसूखदार व्यक्तियों के नाम कर दी है. इस खेल में लाखों रुपये का लेन-देन हुआ है.

फिलहाल सभी आरोपों की जांच चल रही है. सूत्रों के अनुसार, पाटलिपुत्र कॉलोनी में जमीन के एक विवादास्पद प्लॉट की बंदोबस्ती उन्होंने शहर के एक बड़े कोचिंग संचालक के नाम कर दी थी. डीसीएलआर ने अपने स्तर से ही गलत कागज बना कर उस विवाद को सुलझाते हुए बंदोबस्ती कर दी.

आधा दर्जन अवैध बंदोबस्ती का आरोप
डीसीएलआर मिथिलेश प्रसाद सिंह पर राजीवनगर में भी आधा दर्जन से ज्यादा प्लॉट की अवैध बंदोबस्ती का आरोप है. सूत्रों की मानें तो पटना में इनके पूरे कार्यकाल में बड़ी संख्या में बंदोबस्ती का यह खेल चला. आशियाना समेत कुछ अन्य इलाकों में भी उन पर जमीन के गड़बड़झाले का आरोप है.
कई बेनामी प्लॉट : सूत्रों का कहना है कि इस खेल में तत्कालीन डीसीएलआर ने पैसा तो कमाया ही, कई बेनामी प्लॉट भी खरीदा. अपनी पत्नी के ‘सरनेम’ या टाइटल को कई बार बदल कर करीब पांच जमीन रजिस्ट्री करवा रखी है. हर रजिस्ट्री में पत्नी का शुरुआती नाम तो सही है, लेकिन टाइटल में कभी आनंद, कभी कुमारी, तो कभी कुछ और है.
डीसीएलआर मिथिलेश प्रसाद सिंह की तरह ही पटना में तैनात एक अन्य सीओ (तत्कालीन जिला पंचायती राज पदाधिकारी) बिनोद आनंद पर भी जमीन के गड़बड़झाले का आरोप है.

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