पटना : एक जुलाई से जीएसटी के लागू हो जाने के साथ ही बयानबाजी तेज हो गयी. भाजपा व जदयू इसे लोगों के हित में बता रहे हैं तो कांग्रेस का कहना है कि यह अपने मूल स्वरूप में लागू होता तो किसी के मन में दुविधा नहीं रहती. राजद ने भी इसके प्रावधानों का विरोध किया. वहीं अधिकारियों का कहना है कि वस्तुओं की कीमत अब बाजार में होने वाले कारोबार से तय होगी.
कांग्रेस और लालू के बहिष्कार के आह्वान को नहीं मिली तवज्जो : सुशील मोदी
पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि जीएसटी लांचिंग समारोह के बहिष्कार का लालू प्रसाद और कांग्रेस के आह्वान का तमाम राजनीतिक दल के नेताओं ने ही बहिष्कार कर दिया. यहां तक कि राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार के नामांकन कार्यक्रम से यूपीए के तमाम बड़े नेता नदारद रहे. संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित जीएसटी समारोह में एनसीपी के शरद पवार, एसपी के रामगोपाल यादव, बसपा, बीजू जनता दल, जेडीएस और एआइडीएमके आदि दर्जनों दलों के नेता ही नहीं बल्कि लालू यादव के विरोध के बावजूद नीतीश कुमार के निर्देश पर बिहार के वाणिज्यकर मंत्री बिजेंद्र यादव के साथ जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह भी मौजूद थे.
मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली ने न केवल जीएसटी पर राज्यों की तमाम आशंकाओं को दूर किया बल्कि पांच साल तक राज्यों को 14 प्रतिशत कर संग्रह की गारंटी और उससे कम होने पर क्षति पूर्ति का जीएसटी कानून में ही प्रावधान किया. मोदी ने कहा कि कांग्रेस जीएसटी लागू होने के बाद छोटे व्यापारियों को भड़काने का प्रयास कर रही है, जिसमें वह कभी सफल नहीं होगी.
जीएसटी से करों के मकड़जाल से मिलेगा छुटकारा : रालोसपा
रालोसपानेताओं ने कहा कि जीएसटी से उपभोक्ता के जरूरत के समान सस्ते होंगे. करों के मकड़जाल से जनता को छुटकारा मिलेगी. भ्रष्टाचार, लाल फीताशाही व करों की चोरी से बहुत हद तक निजात मिलेगी.
जीएसटी लागू होने से होगा फायदा : जदयू
जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक दूरदर्शी व्यक्तित्व के मालिक हैं. उन्हें पता है कि किस निर्णय से आम जनता को फायदा होगा. बिहार एक उपभोक्ता राज्य है और जीएसटी लागू होने से बिहार जैसे उपभोक्ता राज्यों को अधिक फायदा होगा. नीतीश कुमार ने जीएसटी को समर्थन इसलिए किया क्योंकि इससे व्यापार बढ़ेगा और कर की चोरी रुकेगी. इस जीएसटी से पूरे देश में एक ही प्रकार का कर देना है. अलग-अलग कर के झंझट से छुटकारा मि लेगा. इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका समर्थन किया है. नीतीश कुमार को पता है कि उपभोक्ता और व्यापारी दोनों को इससे फायदा है. राज्य का टैक्स जीएसटी के नेटवर्क में नहीं आयेगा, जबकि सीजीएसटी की राशि केंद्र और राज्य के बीच आधा-आधा बंटेगी. जीएसटी से क्रांति कारी बदलाव आयेगा और इससे व्यापार के अंदर भ्रष्टाचार में कमी आयेगी.
बाजार तय करेगा वस्तुओं की कीमत : शिवनारायण
बिहार में जीएसटी के मुख्य आयुक्त शिवनारायण सिंह ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद वस्तुओं की कीमत अब बाजार में होने वाले कारोबार से तय होगी. अब पूरे देश में केवल एक ही अप्रत्यक्ष कर लगेगा. इससे केंद्र और राज्यों का टैक्स विवाद दूर होगा. इसके लागू होने के बाद निश्चित रूप से कीमत में कमी आयेगी. हालांकि अभी इस बात का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है कि कितनी कमी आयेगी. यह आने वाले समय में पता चल सकेगा. उन्होंने शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी दी.
जीएसटी मूल स्वरूप में होता लागू तो नहीं रहती दुविधा : कांग्रेस
कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि यदि जीएसटी अपने मूल स्वरूप में लागू होता तो देशवासियों के मन में कोई दुविधा नहीं रहती. देश के छोटे कारोबारी व व्यापारिक संगठनों को जीएसटी की विसंगतियां दूर करने की मांग पर हड़ताल करने की कोई जरुरत नहीं होती. जम्मू कश्मीर में जीएसटी लागू नहीं होने के बावजूद उसके विरोध में बंद का आह्वान किया गया. उन्होंने कहा कि जीएसटी में कांग्रेस के द्वारा अधिकतम टैक्स स्लैब 18 फीसदी था, जिसे भाजपा सरकार ने 28 फीसदी कर दिया है. आज से लागू जीएसटी वास्तविक स्वरुप का नहीं है. विशेषज्ञों द्वारा इसके लिए तैयार किया गया मसौदा कुछ और ही था. कम आय वाले व्यापारियों को इससे काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
जीएसटी प्रावधानों का विरोध : तेजस्वी
देश में शनिवार से लागू होनेवाले जीएसटी प्रावधानों का राजद ने विरोध किया है. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि जिस तरह से जीएसटी को लागू किया गया है उसका राजद विरोध करती है. इसके प्रावधानों का हमलोग विरोध करते हैं. केंद्र सरकार जीएसटी का ढिढ़ोरा पीट रही है. इधर वित्तमंत्री अब्दुलबारी सिद्दीकी ने कहा कि बीजेपी जीएसटी
का राजनीतिकरण कर रही है.