अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी मान्य नहीं : बीबी कंवलजीत

पटना सिटी: सिखों के दूसरे बड़े तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब में प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों व जत्थेदार के बीच बढ़ी टकराहट के बाद अब जत्थेदार के पक्ष में प्रबंधक कमेटी के सदस्य भी आने लगे हैं. बुधवार को हलका संख्या दो से निर्वाचित सदस्य बीबी कंवलजीत कौर ने भी प्रबंधक कमेटी के पांचों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 27, 2014 7:45 AM

पटना सिटी: सिखों के दूसरे बड़े तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब में प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों व जत्थेदार के बीच बढ़ी टकराहट के बाद अब जत्थेदार के पक्ष में प्रबंधक कमेटी के सदस्य भी आने लगे हैं. बुधवार को हलका संख्या दो से निर्वाचित सदस्य बीबी कंवलजीत कौर ने भी प्रबंधक कमेटी के पांचों ओहदेदारों के खिलाफ मोरचा खोल दिया. सदस्य ने स्पष्ट कहा कि तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब में अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी के रूप में ज्ञानी प्रताप सिंह की नियुक्ति मान्य नहीं होगी. वहीं, जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह की बरखास्तगी व दमनात्मक रवैये पर प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की. ऐसा नहीं होने पर आंदोलन की बात कही.

ओहदेदारों का निजी फैसला
तख्त साहिब परिसर में बुधवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सदस्य बीबी कंवलजीत कौर ने कहा कि प्रबंधक कमेटी के पांचों ओहदेदारों ने निजी तौर पर फैसला लेकर अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी की नियुक्ति व जत्थेदार की बरखास्तगी की है. ऐसे में कमेटी के सदस्यों को अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी ज्ञानी प्रताप सिंह मान्य नहीं हैं.

संवाददाता सम्मेलन में प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान गुरु बक्श सिंह टुटेजा, फ्रेजर रोड गुरुद्वारा के प्रधान कुलदीप सिंह बग्गा, महासचिव डॉ सुदर्शन सिंह, दलजीत सिंह रानू, स्त्री साध संगत की प्रधान बीबी महिंदर कौर आदि उपस्थित थे. सदस्य बीबी कंवलजीत कौर ने स्पष्ट कहा कि जत्थेदार के साथ दमनात्मक रवैया अपनाया जा रहा है. इसके खिलाफ आंदोलन होगा. बताते चलें कि इससे पहले प्रबंधक कमेटी में दक्षिण बिहार इकाई से निर्वाचित सदस्य व तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब डेवलपेंट (बिल्ंिडग) कमेटी के चेयरमैन सरदार शैलेंद्र सिंह ने ओहदेदारों के खिलाफ मोरचा खोलते ही महज पंद्रह दिनों के अंदर बैठक बुलाने की मांग पत्र भेजा था. सिखों के दूसरे बड़े तख्त होने के कारण इस मामले पर देश- विदेश की सिख संगत की नजर है.

क्यों बढ़ रहा है टकराव
खालसा पंथ के संस्थापक श्री गुरु गोविंद सिंह महाराज के 347 वंे प्रकाश उत्सव के दौरान सात जनवरी, 2014 को प्रबंधक कमेटी के महासचिव सरदार चरणजीत सिंह ने तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब में अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी के रूप में ज्ञानी प्रताप सिंह के नाम की घोषणा व पगड़ी रस्म का ऐलान किया . इसके बाद तलवार खिंची गयी. इस घटना में जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह, पुत्र गुरु प्रसाद, गं्रथी गुरु दयाल सिंह व गुरुजीत सिंह समेत चार लोग जख्मी हो गये थे . जत्थेदार के बेटे गुरु प्रसाद ने चौक थाना में मामला दर्ज कराया था. 15 मार्च को तख्त साहिब की मर्यादा भंग करने में दोषी करार देते हुए प्रबंधक कमेटी के तीन ओहदेदारों समेत आठ को तनखैया पंज प्यारे साहिबान ने घोषित किया था. इसके बाद प्रबंधक कमेटी के पांचों ओहदेदारों ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी के 17 मार्च को सौंपे गयी रिपोर्ट के आधार पर जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह को बरखास्त कर दिया था.

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