तेज प्रताप के झूठे शपथपत्र के खिलाफ चुनाव आयोग से सुशील मोदी ने की शिकायत
पटना: बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार कुमार मोदी के नेतृत्व में भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी से मिला. प्रतिनिधिमंडल नेमुख्यचुनाव आयुक्त को ज्ञापन देकर 2015 के विधानसभा चुनाव मेंराजदसुप्रीमो लालू प्रसादयादव के बड़े पुत्र एवंमंत्री तेज प्रताप यादव द्वारा झूठा शपथपत्र देने […]
पटना: बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार कुमार मोदी के नेतृत्व में भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी से मिला. प्रतिनिधिमंडल नेमुख्यचुनाव आयुक्त को ज्ञापन देकर 2015 के विधानसभा चुनाव मेंराजदसुप्रीमो लालू प्रसादयादव के बड़े पुत्र एवंमंत्री तेज प्रताप यादव द्वारा झूठा शपथपत्र देने के आरोप में उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की.
तेज प्रताप के झूठे शपथपत्र के खिलाफ चुनाव आयोग को सौपें ज्ञापन.. pic.twitter.com/E1oZXXVFKe
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) July 3, 2017
ज्ञापन में आरपीएक्ट की धारा 125 ए, आइपीस की 177 व सीआरपीसी की धारा 195 के तहत आपराधिक मुकदमा दर्ज करने और संविधान की घारा 324 के तहत प्रदत्त असीमित शक्तियों का उपयोग करते हुए उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की. भाजपा प्रतिनिधिमंडल की ओर से सौंपे गये इस ज्ञापन में कहा गया है कि तेज प्रताप यादव ने 2010 में औरंगाबाद में 53 लाख रुपये में खरीदी गई 45 डिसमिल जमीन और उस पर बने लारा डिस्ट्रीब्यूटर का मकान जिसमें हीरो का शो रूम चल रहा है की जानकारी को अपने शपथपत्र में जानबूझ कर छुपा लिया.
सुशील मोदी ने बताया कि तेज प्रताप ने इस जमीन की रजिस्ट्री 2010 में सात अलग–अलग दस्तावेजों के जरिए कराई तथा इसके लिए आइसीआइसीआइ बैंक, नयी दिल्ली के चेक से भुगतान किया. इस जमीन पर 2 करोड़ 29 लाख का कर्ज भी लिया है. मगर जानबूझ कर 2015 में चुनाव आयोग को दाखिल शपथपत्र में इन सभी तथ्यों को छुपा लिया गया.
ज्ञापन में मांग की गयी है कि गलत शपथ पत्र दाखिल करना केवल आपराधिक कृत्य ही नहीं बल्कि भ्रष्ट आचरण भी है. चुनाव आयोग तेज प्रताप यादव की सदस्यता को रद्द करे. झूठा शपथपत्र के अापराधिक आरोप में कानून की विभिन्न धाराओं के तहत 6 माह की सजा या अर्थदंड या दोनों का प्रावधान हैं. भाजपा के प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश उपाध्यक्ष व सांसद संजय जायसवाल, सांसद सतीश चंद्र दुबे और अधिवक्ता राजेश वर्मा शामिल थे.
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