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जदयू के साथ हमारा कोई मतभेद-दुराव नहीं, बिहार में गठबंधन पर नहीं पड़ेगा कोई असर : कांग्रेस

नयी दिल्ली : राष्ट्रपति चुनाव और जीएसटी के मुद्दे पर कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों की एकता से अलग रास्ता चुनने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में कांग्रेस ने आज दोस्ताना राग अलापते हुए कहा कि जदयू के साथ हमारा कोई ‘ ‘मतभेद-दुराव ‘ ‘ नहीं है तथा बिहार में गठबंधन […]

नयी दिल्ली : राष्ट्रपति चुनाव और जीएसटी के मुद्दे पर कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों की एकता से अलग रास्ता चुनने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में कांग्रेस ने आज दोस्ताना राग अलापते हुए कहा कि जदयू के साथ हमारा कोई ‘ ‘मतभेद-दुराव ‘ ‘ नहीं है तथा बिहार में गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने आज नीतीश द्वारा विपक्ष के बारे में दिये गये विभिन्न बयानों के बारे में पूछे जाने पर कहा, ”राष्ट्रपति चुनाव का मुद्दा अब खत्म हो चुका है. नीतीश के बयान केवल उसी संदर्भ में दिये गये हैं. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी कह चुकी हैं कि हर पार्टी को अपने निर्णय लेने के लिए स्वायत्तता है. ”बिहार में जदयू एवं राजद के साथ अपने गठबंधन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ”बिहार में जदयू के साथ हमारे संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. बिहार में हमारे गठबंधन को कोई खतरा नहीं है और वह चलता रहेगा.” उन्होंने कहा कि जदयू के साथ कांग्रेस के कथित मतभेद की बात को बढ़ाचढ़ा कर पेश किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि नीतीश स्वयं कह चुके हैं कि हर पार्टी की अपनी अवधारणा होती है. उन्होंने कहा कि राजनीति में हर पार्टी अपने निर्णय करने के लिए स्वतंत्र है. नीतीश द्वारा राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार का साथ नहीं देने के अलावा नोटबंदी के मुद्दों पर सरकार का साथ दिये जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का चुनाव जीत जाने से नोटबंदी का फैसला सही नहीं हो जाता. उन्होंने कहा कि मान लीजिए कि यदि हमने नोटबंदी का विरोध नहीं किया होता तो आज आप कह रहे होते कि आपने विरोध क्यों नहीं किया जबकि इससे इतने अधिक लोग प्रभावित हो रहे हैं.

उल्लेखनीय है कि मीरा कुमार को राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष का उम्मीदवार बनाये जाने पर नीतीश ने कहा था कि उन्हें हारने के लिए चुनाव में क्यों उतारा गया है. नीतीश ने आज विपक्ष की एकता के मुद्दे पर परोक्ष रुप से संकेत करते हुए कहा विपक्ष को अपना वैकल्पिक एजेंडा तय करना चाहिए. वैकल्पिक एजेंडा के आधार पर एकता और गोलबंदी होनी चाहिए तभी वह प्रभावी होगा. सिर्फ चेहरा प्रभावी नहीं होगा. उन्होंने कहा कि विपक्ष की मजबूती के लिए यह जरुरी है कि हम अपना एजेंडा तय करें और उस पर काम करें. साथ ही विपक्ष के दायित्वों का भी पालन करें.

सूरत में कुछ व्यापारियों द्वारा जीएसटी का विरोध किये जाने के बारे में सवाल करने पर कांग्रेस प्रवक्ता सिंघवी ने कहा कि यह प्रश्न उन लोगों से पूछा जाना चाहिए जो जीएसटी लागू करने का जश्न मना रहे थे. उन्होंने कहा कि हम जीएसटी के विरोधी नहीं है किन्तु जिस तरह से इसे लागू किया जा रहा है उससे देश के तमाम व्यापारियों और छोटे कारोबारियों पर बुरी तरह असर पड़ेगा.

एआइएमआइएम के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी के बयान के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में सिंघवी ने कहा कि हम ओवैसी की पार्टी के बयानों को इसलिए अधिक महत्व नहीं देते क्योंकि हम उन्हें भाजपा की ‘ ‘बी पार्टी ‘ ‘ मानते हैं. उन्होंने कहा कि ओवैसी की पार्टी विभिन्न धर्म, विभिन्न जातियों, विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को आपस में लड़ाने के भाजपा के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है. भाजपा ने हमेशा ओवैसी का इस्तेमाल किया है. ओवैसी का एक बयान सामने आया है जिसमें कहा गया है कि देश के मुसलमानों के खिलाफ संसद में कानून पारित किये जाते हैं.

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