लोक संवाद: सीएम ने गाय रक्षा की बात करने वालों को कहा, गोरक्षक लावारिस पशुओं की देखभाल के लिए भी कुछ करें

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोक संवाद कार्यक्रम के दौरान आम लोगों से सुझाव लेने के दौरान कहा कि गो-रक्षा की बात करने वाले लोगों को लावारिस पशुओं की देखभाल पर भी कुछ करना चाहिए. गो-रक्षा की बात करना सही है, लेकिन सड़कों पर इधर-उधर घूमते रहने वाले लावारिस पशुओं की देखभाल करने पर किसी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 4, 2017 8:29 AM
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोक संवाद कार्यक्रम के दौरान आम लोगों से सुझाव लेने के दौरान कहा कि गो-रक्षा की बात करने वाले लोगों को लावारिस पशुओं की देखभाल पर भी कुछ करना चाहिए. गो-रक्षा की बात करना सही है, लेकिन सड़कों पर इधर-उधर घूमते रहने वाले लावारिस पशुओं की देखभाल करने पर किसी का ध्यान नहीं जाता है.

अकसर सड़कों पर ये पशु दुर्घटना के शिकार होते रहते हैं. उन्होंने कहा कि गाय को छोड़ कर भीड़ हिंसा करने पर उतारू हो जाती है. लावारिस पशुओं की देखभाल करने का मामला इससे ज्यादा महत्वपूर्ण है. गो-रक्षा की बात करने वाले इस तरह के पशुओं की भी देखभाल करें, यह ज्यादा जरूरी है. लोक संवाद कार्यक्रम के दौरान इस मामले को भागलपुर के दीपक झा ने भी उठाया था.

उन्होंने सड़क दुर्घटना में घायल होने वाले पशुओं की समुचित देखभाल करने का मामला उठाया. इसके लिए नगर विकास एवं आवास विभाग से विशेष बंदोबस्त करने की मांग की थी. इसके अलावा उन्होंने पंचायती राज विभाग से जुड़ा भी एक सुझाव दिया. ग्रामीण इलाकों में भी छोटी गलियों में बड़े-बड़े घर बन रहे हैं. इनमें समुचित नली और गली की व्यवस्था होनी चाहिए. इस पर सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री ग्राम नली-गली योजना सात निश्चय में शामिल है और इसके लिए व्यापक स्तर पर कार्य कराये जा रहे हैं.

मीरा कुमार के आने की कोई खबर नहीं
सीएम ने कहा कि राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार के बिहार आने की उन्हें कोई सूचना नहीं है. इसके अलावा उन्होंने मुजफ्फरपुर में किसी एक समुदाय के परिवार के साथ हुई दुर्व्यवहार की घटना पर जांच करने का आदेश जारी करने की बात कही. तेजाब पीड़िता से जुड़े एक दूसरे मामले में उन्होंने कहा कि पीड़िता को तमाम मुआवजा दिया जायेगा.
सुशील मोदी पुराने साथी, प्रतिदिन बयान देने के आदी
सीएम ने नेता प्रतिपक्ष सुशील मोदी के रोजाना बयान जारी करने के मामले पर हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि वे पुराने साथी रहे हैं. वे प्रतिदिन बयान देने के आदी हैं. उनके बयानों को न देखते हैं और न ही ध्यान देते हैं. बस हेडलाइन पर नजर पड़ जाती है. इससे ज्यादा कुछ नहीं.

Next Article

Exit mobile version