राख डालने से ‘गड्ढे’ नहीं छिपते

पिछले दिनों एनएच-80 की जर्जर हालत की तसवीर वायरल हुई थी और प्रमुखता से प्रभात खबर में भी छपी थी. तब कई लोगों ने इस तसवीर की सत्यता पर सवाल उठाये थे, इन लोगों में राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी थे. उपमुख्यमंत्री ने वायरल हुई तसवीर के साथ अपनी तरफ से एक तसवीर ट्वीट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 6, 2017 6:47 AM
पिछले दिनों एनएच-80 की जर्जर हालत की तसवीर वायरल हुई थी और प्रमुखता से प्रभात खबर में भी छपी थी. तब कई लोगों ने इस तसवीर की सत्यता पर सवाल उठाये थे, इन लोगों में राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी थे. उपमुख्यमंत्री ने वायरल हुई तसवीर के साथ अपनी तरफ से एक तसवीर ट्वीट की.
उन्होंने लिखा कि गड्ढे वाली तसवीर हकीकत नहीं है, हकीकत में सड़क ठीक की जा चुकी है और अच्छी है. ऐसे में प्रभात खबर ने हकीकत सामने लाने के लिए अपने संवाददाता पुष्यमित्र को पटना से भागलपुर जिले के शिवनारायणपुर भेजा. इस दौरान हमें जो जानकारियां मिलीं, वे वायरल तसवीर से कई गुना अधिक परेशान करने वाली हैं. प्रस्तुत है एनएच-80 की ग्राउंड रिपोर्ट
कहलगांव : कहलगांव के रमजानीपुर से पीरपैंती के बीच 13 किमी लंबा सड़क का एक पैच है, जो तीन दर्जन से अधिक तालाबनुमा गड्ढों से भरा है, हमने इन गड्ढों की गिनती की है और ये 50 हैं. ये ऐसे गड्ढे हैं, जिनमें फोर व्हीलर गाड़ियों के चारों चक्के पूरी तरह डूब जाते हैं.
इसके अलावा छोटे गड्ढों की संख्या भी पांच सौ के करीब है. सड़क जर्जर है, गाड़ियां और ट्रक हिचकोले खाते हुए चलते हैं और अक्सर लगता है कि ये कहीं पलट न जाएं. स्थानीय लोग बताते हैं कि 15 सालों से इस राष्ट्रीय उच्च पथ का यही हाल है. राज्य सरकार के पथ निर्माण विभाग से एक स्थानीय ठेकेदार को इसकी मरम्मत का 21 करोड़ का ठेका मिला हुआ है. मगर उसने भी सड़क को मजबूत बनाने के बदले पैच वर्क ही किया है.
पिछले दिनों राख और बजरी से गड्ढों को भर कर सड़क को समतल दिखाने की कोशिश की गयी. मगर यह तरकीब पहली ही बारिश में फेल हो गयी और गड्ढे फिर से अपने पुराने स्वरूप में आ गये. लोग बताते हैं कि एनएच-80 का हिस्सा होने के बावजूद कभी इस सड़क को दुरुस्त रखने की कोशिश नहीं की गयी. लोगों ने पूर्व सांसद शाहनवाज हुसैन समेत इलाके के तमाम जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया, मगर हालात नहीं बदले. अक्सर इस रास्ते में कोई-न-कोई वाहन फंस या उलट जाता है.
दिलचस्प है कि शिवनारायणपुर चौराहे पर एक जेसीबी मशीन इसी वजह से खड़ी रहती है कि कब कोई वाहन फंसे या पलटे और वाहन चालक इसे किराये पर लें. इस जेसीबी वाले को अक्सर कोई-न- कोई ग्राहक मिल ही जाता है.
प्राप्त सूचनाओं के मुताबिक पिछले साल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस सड़क की दुर्दशा को लेकर एनएच और राज्य के पथ निर्माण विभाग को कड़ी चेतावनी दी थी. पिछले दिनों इस रोड से गुजरने वाले ट्रक ड्राइवरों के संगठन ने भी चक्का जाम की धमकी दी थी और इसे लेकर कहलगांव में संगठन के साथ स्थानीय अधिकारियों और एनएच के पदाधिकारियों की बैठक हुई थी. इस बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का विक्रमशिला दौर भी तय हुआ था. ऐसे में आनन-फानन में ठेकेदार ने विक्रमशिला तक सड़क को बनवाया और उसके बाद की सड़क के गड्ढों को राख और बजरी से भर दिया गया, जो पहली ही बारिश में बह गया.
कहलगांव के समाजसेवी राकेश कुमार सिंह कहते हैं, इस रोड पर मिर्जाचौकी और झारखंड के दूसरे इलाकों से आने-जाने वाले ट्रकों का काफी लोड है, जिसके लिए सड़क का गुणवत्तापूर्ण निर्माण जरूरी है.
जब से शिवनारायणपुर की वह तस्वीर वायरल हुई है, यहां के लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. एक तो सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को फर्जी बताने का माहौल बन गया है. दूसरा यहां के नवयुवकों को मुंह बंद रखबे की चेतावनी दी जा रही है. हम जब वहां पहुंचे, तो मुश्किल से कोई कोई बोलने के लिये तैयार हुआ था.
मैं चार सालों से संघर्ष कर रहा हूं : सदानंद
इस सड़क की स्थिति सचमुच जर्जर है. मैं तीन-चार वर्षों से इसे दुरुस्त कराने के लिए प्रयासरत हूं. पहले तो राज्य सरकार ने इसके लिए फंड की कमी को वजह बताया. लेकिन, मेरे जोर देने पर टेंडर जारी किया गया, मगर मुझे यह स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं है कि ठेकेदार ने बहुत घटिया काम किया है. हालांकि, यह भी सच्चाई है कि इस सड़क पर झारखंड से गिट्टी लेकर आने वाले ट्रकों का बहुत लोड है. मगर फिर भी एनएच को तो ठीक रखना ही चाहिए. मैंने तीन रोज पहले उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से भी इस सड़क को लेकर शिकायत की, तो उन्होंने कहा कि हमने इंजीनियर को बदल दिया है, अब काम ठीक होना चाहिए.
अधीक्षण अभियंता बोले कल ही ज्वाइन किया है
राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल भागलपुर के अधीक्षण अभियंता राजकुमार कहते हैं कि कल (मंगलवार) शाम ही मैंने यहां कार्यभार संभाला है. आज किसी दूसरी सड़क जायजा ले रहा हूं. कहलगांव की तरफ जाने का मौका नहीं मिला. इसलिए कुछ बताने की स्थिति में नहीं हूं.

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