छापेमारी के दिन ऐसी थी लालू की दिनचर्या : डाभ पीकर गये कोर्ट, लौट कर दाल-भात खाये

चारा घोटाला मामले में रांची के कोर्ट में हुई लालू की पेशी, अब मामले की अगली सुनवाई 13 जुलाई को रांची : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की शुक्रवार को रांची केकोर्ट में पेशी होनी थी. वे तड़के ही उठ गये और फ्रेश होकर चाय मंगायी. उसी दौरान पार्टी नेता भी धीरे-धीरे पहुंचने लगे थे. इनमें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 8, 2017 7:33 AM
चारा घोटाला मामले में रांची के कोर्ट में हुई लालू की पेशी, अब मामले की अगली सुनवाई 13 जुलाई को
रांची : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की शुक्रवार को रांची केकोर्ट में पेशी होनी थी. वे तड़के ही उठ गये और फ्रेश होकर चाय मंगायी. उसी दौरान पार्टी नेता भी धीरे-धीरे पहुंचने लगे थे. इनमें गढ़वा के पूर्व विधायक गिरिनाथ सिंह, रामचंद्र सिंह चेरो और जनार्दन पासवान आदि शामिल थे. राजद सुप्रीमो ने वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा शुरू की. इसी दौरान उन्होंने डाभ मंगाया.
इधर, नेताओं से मिलने का दौर भी जारी था. बिहार के विधायक भोला बाबू मिलने पहुंचे थे. काफी देर तक बातचीत होने के बाद करीब 10:20 बजे लालू प्रसाद कमरे से निकले और कोर्ट के लिए रवाना हो गये. उन्होंने हरे रंग का कुरता पहना था. चलते-चलते अपने लोगों को निर्देश भी दे रहे थे.
दोपहर 12:30 बजे वापस आये राजकीय अतिथिशाला : कोर्ट में पेशी के बाद दोपहर 12:30 बजे वे वापस राजकीय अतिथिशाला पहुंचे. आते ही थोड़ा आराम किया फिर दोपहर का भोजन किया. भोजन में उन्हें भात-रोटी के साथ आलू-पालक की सब्जी, पापड़, सलाद व दही के अलावा बैंगन और टमाटर का चोखा परोसा गया. हालांकि, बैंगन और टमाटर का चोखा उन्होंने खुद ही बनाया. वेटर उन्हें बैंगन पकाकर उसके साथ टमाटर, प्याज, मिर्च व नमक दे दिया था. दोपहर का खाना खाने के बाद उन्होंने आराम भी किया.
लालू प्रसाद की अोर से दो गवाहों की गवाही दर्ज
सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में आरसी 64ए/96 में बचाव पक्ष की अोर से गवाही चल रही है. शुक्रवार को लालू प्रसाद की अोर से दो गवाहों पवित्र पासवान अौर एजाज हुसैन की गवाही दर्ज हुई. पवित्र पासवान पीडब्ल्यूडी में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, जबकि एजाज हुसैन पटना सिविल कोर्ट में अधिवक्ता हैं.
पवित्र पासवान ने लालू की गोशाला से जुड़े मामले में सवालों के जवाब दिये. आरोप है कि लालू प्रसाद की गोशाला में एसी लगा हुअा है. गवाह ने कहा कि ऐसा नहीं है, उनकी गोशाला चारों अोर से खुली हुई है. एजाज हुसैन ने अपनी गवाही में लालू प्रसाद के पटना में आय से अधिक संपत्ति मामले में बरी होने से संबंधित जानकारी दी. अदालत ने इस मामले में अगली तिथि 13 जुलाई तय की है.
मिलने का दौर भी जारी रहा
सुबह से पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का अाना शुरू हो गया था. कोडरमा की पूर्व विधायक अन्नपूर्णा देवी भी दोपहर 12 बजे राजकीय अतिथिशाला पहुंचीं. इससे पहले झाविमो नेता बंधु तिर्की भी वहां पहुंचे लेकिन, थोड़ी देर रुकने के बाद लौट गये.
अरे! ई… सबसे कुछ नहीं होगा, साहब टाइट हैं
रांची : ‘सुबह उठे, तो टीवी में देखा, बस भागे-भागे गेस्ट हाउस आ गये. देखा तो साहब एकदम टाइट हैं. ई… सबसे कुछ नहीं होने वाला है. केवल परेशान कर रहा है, ई… भाजपा वाला.’ शुक्रवार को राजकीय अतिथिशाला में कुछ इस तरह का माहौल था. राजद कार्यकर्ता जुटे थे. कुछ लोग मोबाइल पर न्यूज चैनल देख रहे थे, तो कुछ कार्यकर्ता आपस में बात कर रहे थे. सुबह 9:30 बजे से ही राजकीय अतिथिशाला में राजद कार्यकर्ताओं का जुटना शुरू हो गया था. कई कार्यकर्ताओं को, तो पता भी नहीं था कि आखिरकार हुआ क्या है?
एक ने पूछा, अरे क्या हुआ है भाई? दूसरे ने कहा कि अरे, टीवी देखिये न, पता चल जायेगा. साहब के 12 ठिकानों पर छापामारी हो रही है. सुबह से ही चैनल में चल रहा है. अाप कैसे नहीं देखे हैं?. अतिथिशाला में चर्चा का बाजार गर्म था. कार्यकर्ता कभी कमरे के पास जाते, तो कभी टेरेस पर खड़े होकर बातचीत करते. 10:20 बजे लालू प्रसाद कोर्ट के लिये रवाना हो गये. लेकिन, कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा रहा.
2003 में होटल हैंडओवर किये गये, मैं एक साल बाद मंत्री बना
रांची में लालू प्रसाद ने दी सफाई
रांची : लालू प्रसाद ने बताया कि आइआरसीटीसी का गठन वर्ष 1999 में हुआ था. उस वक्त वह न तो रेल मंत्री थे और न ही कैबिनेट में थे. तब एनडीए की सरकार थी और अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे. वर्ष 2002 में आइआरसीटीसी ने काम करना शुरू किया. इसके बाद वर्ष 2003 में हावड़ा, रांची व पुरी के होटलों व यात्री निवास को आइआरसीटीसी को हैंडओवर किया गया. लालू के मुताबिक, वह 31 मार्च, 2004 में रेलमंत्री बने.
उससे पहले सारे होटल हैंडओवर हो चुके थे. उस समय सारे होटलों की हालत खराब थी. गाय-भैंस घूमते थे. वर्ष 2006 में ओपन टेंडर हुआ. जिसकी ज्यादा बाेली थी, उसे काम मिला. हमने नियमसंगत कार्य किया है. किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. मैं निर्दोष हूं. हमने कोई गलत काम नहीं किया है. हमने घाटे को मुनाफा में बदलने का काम किया.
रेल भवन की फाइलें खंगाल रहा सीबीआइ : सीबीअाइ ने आइआरसीटीसी और रेलवे बोर्ड की उन सारी फाइलों को अपने कब्जे में ले लिया है, जिन फाइलों में निविदा और आइआरसीटीसी को ट्रांसफर किये जाने को लिखित समझौता हुआ है. बोर्ड सूत्रों के मुताबिक ये फाइलें सीबीआइ ने छापेमारी से पहले ही अपने कब्जे में ले ली थी. सीबीआइ की ओर से रेलवे बोर्ड के अधिकारियों को यह भी हिदायत दी गयी थी इस बारे में किसी को बताया नहीं जाये.
यही कारण है कि रेलवे बोर्ड और आइआरसीटीसी के दफ्तर से फाइलें ले जाने के बाद भी इसकी सूचना मीडिया में लीक नहीं हो पायी. आइआरसीटीसी के पूर्व एमडी पीके गोयल के दानापुर में तैनाती से लेकर एमडी बनने की कड़ी को भी सीबीआइ तलाश रही है.
सीबीआइ इस कड़ी को भी एक दूसरे से जोड़ रही है कि पूर्व रेल मंत्री के चहेते गोयल बाद के दिनों में उपेक्षित क्यों किये गये. वहीं डिलाइट मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के तौर पर डायरेक्टर के रूप में पदस्थापित सरला गुप्ता के पति और राजद सांसद प्रेमचंद गुप्ता भी जांच के घेरे में है.

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