लालू फैमिली पर ED का शिकंजा : दिल्ली में बेटी और दामाद के 3 ठिकानों पर छापे मारे, खतरे में मीसा की सदस्यता
नयी दिल्ली: सीबीआइ छापेमारी के अगले दिन शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती और दामाद शैलेश के तीन ठिकानों पर छापे मारे. इडी ने यह छापेमारी आठ हजार करोड़ रुपये काले धन को सफेद करने के मामले में की है. सुबह करीब सात बजे इडी के अफसर […]
नयी दिल्ली: सीबीआइ छापेमारी के अगले दिन शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती और दामाद शैलेश के तीन ठिकानों पर छापे मारे. इडी ने यह छापेमारी आठ हजार करोड़ रुपये काले धन को सफेद करने के मामले में की है. सुबह करीब सात बजे इडी के अफसर कार्रवाई के लिए दिल्ली स्थित सैनिक व बिजवासन फार्म हाउस पहुंचे, जहां ताला लगा मिला. इसके बाद अफसर घिटोरनी के फार्म हाउस सरला निवास पहुंचे, जहां मीसा व शैलेश दोनों मौजूद थे. अफसरों ने फार्म हाउस की तलाशी ली. इस दौरान तलाशी में मिले मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और जमीन-जायदाद से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त किये गये हैं.
1999 में शैलेश की मीसा से हुई थी शादी
बाद में दोनों से फार्म हाउस की खरीद को ले कर घंटों पूछताछ की गयी. वहां मौजूद नौकरों व सहयोगियों से भी पूछताछ की गयी. मीसा व शैलेश पर आरोप है कि फर्जी कंपनियों से मिले पैसे से उन्होंने दिल्ली में संपत्ति खरीदी है. इसके पहले आयकर ने उन्हें नोटिस जारी किया था. मीसा व शैलेश 21 जून को आयकर के समक्ष हाजिर हुए थे. पटना के रहने वाले शैलेश कुमार की 1999 में मीसा भारती से शादी हुई. बड़ौदा से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके शैलेश ने लखनऊ से मैनेजमेंट का कोर्स किया.
शैलेश ने आखिरी नौकरी इंफोसिस में की
आइटी इंजीनियर शैलेश ने आखिरी नौकरी इंफोसिस में की. अब खुद का बिजनेस देखते हैं. वहीं मीसा भारती लालू प्रसाद की सबसे बड़ी बेटी हैं. आपातकाल के दौरान मीसा कानून के तहत लालू प्रसाद की गिरफ्तारी हुई थी और इसी दौरान जन्म होने के कारण उनका नाम मीसा रखा गया.
चुनावीहलफनामे मेंमीसा ने अपनी संपत्तिबतायीहै चार करोड़
पटना मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल कर चुकी 41 साल की मीसा वर्तमान में राज्यसभा की सदस्य हैं. चुनावी हलफनामे में मीसा ने चार करोड़ की संपत्ति बतायी है.
डायमंड विनिमय प्राइवेट लि कोलकाता की कंपनी है. इसी एक लाख 20 हजार शेयर को मीसा ने बाद में 10 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से खरीद लिया. आरोप है कि फर्जी कंपनियों से करोड़ों रुपये मिशेल पैकर्स एंड प्रिंटर्स में आये और इन्हीं पैसों से फार्म हाउस खरीदा गया.