भाजपा राज्य सरकार से उम्मीद रखती है, केंद्र के बारे में नहीं सोचती : संजय

पटना. जदयू के मुख्य प्रवक्ता व विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा है कि भाजपा सुशील मोदी सरीखे नेता राज्य सरकार से तो काफी उम्मीद रखते हैं लेकिन राज्य के लोगों को केंद्र सरकार से क्या उम्मीद है उसके बारे में सोचते तक नही है. कृषि उत्पादन की लागत पर 50 फीसदी जोड़ कर न्यूनतम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 9, 2017 8:03 AM
पटना. जदयू के मुख्य प्रवक्ता व विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा है कि भाजपा सुशील मोदी सरीखे नेता राज्य सरकार से तो काफी उम्मीद रखते हैं लेकिन राज्य के लोगों को केंद्र सरकार से क्या उम्मीद है उसके बारे में सोचते तक नही है.

कृषि उत्पादन की लागत पर 50 फीसदी जोड़ कर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने की घोषणा प्रधानमंत्री ने किया था, लेकिन बिहार में धान की बात की जाये तो 2015-16 में सामान्य किस्म के धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1410 रुपये प्रति क्विंटल था जिसे 2016-17 में बढ़ाकर 1470 रुपये कर दिया गया था. इस बार इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य 1550 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है. सिंह ने कहा कि वर्ष 2015-16 में धान के ग्रेड ए का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1450 रुपये प्रति क्विंटल था, जिसे वर्ष 2016-17 में बढ़ाकर 1510 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया था. इस बार इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य 1590 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है. दो साल में मात्र 80.80 रुपये ही बढाया गया. केंद्र सरकार के तरफ से एक पैसा इस पर बोनस नहीं दिया जा रहा है.

धान की तरह ही मक्का का समर्थन मूल्य तीन वर्ष एक सौ रुपये ही बढ़ा है. इस बार इसका समर्थन मूल्य बढ़ाकर 1425 रुपये कर दिया गया है. देश के उत्तरी क्षेत्र विशेषकर बिहार में बड़े पैमाने पर मक्का की खेती की जाती है. केंद्र सरकार मक्का में भी कोई बोनस की घोषणा नहीं की है. सिंह ने कहा कि बिहार जैसे राज्य के लिए कृषि महत्वपूर्ण है. यहां 76 फीसदी आबादी की जीविका कृषि और कृषि आधारित कार्यों पर निर्भर है. कृषि का विकास राज्य की प्राथमिकता रही है. यूरिया को लेकर जितनी परेशानी बिहार के किसानों को होती है शायद ही किसी और राज्य के किसान को होती है. समय पर केंद्र सरकार के तरफ से यूरिया बिहार नहीं भेजा जाता है. जब तक खाद यहां पहुंचता है तब तक खाद डालने का समय खत्म हो जाता है. सुशील मोदी केंद्र का गुणगान छोड़े और किसानों के मूल समस्याओं से केंद्र सरकार को अवगत कराये. राज्य सरकार कई स्कीम बनाकर सीधे तौर पर किसानों को सब्सिडी दे रही है.

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