आय से अधिक संपत्ति: पहली बार राबड़ी पर दर्ज हुआ सीबीआइ का मुकदमा

पटना : पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का सीबीआइ से दूसरी बार वास्ता पड़ा है. पर, पहली बार वह सीबीआइ के मुकदमे में सीधे अभियुक्त बनायी गयी हैं. चारा घोटाले के मामले में एक मामला आय से अधिक संपत्ति एकत्र करने का भी था. लेकिन इस मामले वह सीधी तौर पर अभियुक्त नहीं थीं. पति लालू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 9, 2017 8:14 AM
पटना : पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का सीबीआइ से दूसरी बार वास्ता पड़ा है. पर, पहली बार वह सीबीआइ के मुकदमे में सीधे अभियुक्त बनायी गयी हैं. चारा घोटाले के मामले में एक मामला आय से अधिक संपत्ति एकत्र करने का भी था. लेकिन इस मामले वह सीधी तौर पर अभियुक्त नहीं थीं. पति लालू प्रसाद के साथ उनका नाम जोड़ते हुए उनकी संपत्ति का भी ब्योरा मांगा गया था. लंबी तारीखाें के बाद सीबीआइ की विशेष अदालत ने डीए केस में दोनों को बरी कर दिया था. बाद के दिनों में जदयू नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह पर की गयी टिप्पणी के मामले में भी एक मुकदमा दर्ज हुआ था लेकिन, यह बीच में ही खत्म हो गया.
यह अलग बात है कि आठ साल से अधिक दिनों तक प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं राबड़ी का कार्यकाल किसी घपले-घोटाले के लिए बदनाम नहीं हुआ. अपने कार्यकाल के दौरान कभी उन पर कोई आरोप नहीं लगा. लालू प्रसाद पर कानूनी शिकंजा कसने के बाद प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने वाली राबड़ी देवी पर अब सीबीआइ ने सीधा मुकदमा दर्ज किया है. आम तौर पर लालू प्रसाद के धूर विरोधी भी यह स्वीकारते हैं कि राबड़ी देवी का लालू प्रसाद के राजनीतिक और प्रशासनिक फैसलों से कोई खास वास्ता नहीं रहा है. 25 जुलाई, 1997 से छह मार्च, 2005 तक तीन बार वह प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं. इस दौरान वह सजगता से सरकार के कामकाज को संभालती रहीं. जबकि, लालू प्रसाद पर डिफैक्टो सीएम का आरोप लगता रहा.
राबड़ी देवी का वह चेहरा अब भी लोगों की जेहन में है जब पति के जेल जाने की आशंका में डबडबायी आंखों से राजभवन मुख्यमंत्री की शपथ लेने पहुंची थी. परिवार के करीबियों की माने तो राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनने के लिए मनाने में लालू प्रसाद को बड़ी मुश्किल से तैयार करना पड़ा था. हालांकि, लालू प्रसाद पर मुकदमों की बढती संख्या से कानूनी दाव पेंच, तारीख की पेेचिदगियां से वह परिचित होती गयीं, लेकिन अब पति और बेटे के साथ खुद उनके करीब भी सीबीआइ का शिकंजा कसने लगा है. शुक्रवार की सुबह जब सीबीआइ की टीम ने उनके नाम भी सर्च वारंट दिखाया तो पहले तो वह सहम सी गयी. लेकिन, धैर्यपूर्वक उन्होंने सारे सवालों के जवाब दिये.

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