पटना : बिहार के सियासी गलियारों में पिछले तीन दिनों से इस्तीफा देने, नहीं देने जैसी बातों की चर्चा जोरों पर है. लालू परिवार की बेनामी संपत्ति पर सीबीआई छापेमारी और एफआइआर में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का नाम आने के बाद विपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी लगातार सत्तापक्ष पर हमला कर रहे हैं. सुशील कुमार मोदी, तेजस्वी से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं और इस्तीफा नहीं देने के फैसले के बाद नीतीश कुमार से तेजस्वी यादव को बरखास्त करने की मांग कर रहे हैं. इस बीच बैठकों का सिलसिला जारी है. राजद विधायक दल की बैठक सोमवार को हो चुकी है और अब सियासी निगाहें आज होने वाली जदयू की बैठक पर टिकी हुई है. विपक्ष सहित राजनीतिक जानकार भी टकटकी लगाकर जदयू के बैठक के बाद होने वाले फैसले के इंतजार में हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर अब से थोड़ी देर बाद राज्य के कार्यकारिणी की बैठक शुरू होगी. इस बैठक में तस्वीर पूरी तरह साफ होने की उम्मीद जतायी जा रही है. जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में जदयू के संगठन विस्तार से लेकर उपराष्ट्रपति के चुनाव तक की चर्चा हो सकती है. बताया जा रहा है कि सोमवार को देर तक मुख्यमंत्री ने पार्टी के कोर ग्रुप के सदस्यों के साथ बैठक की. 11 बजे शुरू होने वाली जदयू की बैठक में विधानमंडल के सदस्य, मंत्री, प्रवक्ता और कई प्रकोष्ठों के अध्यक्ष मौजूद रहेंगे.
सोमवार को जदयू के कई वरिष्ठ नेताओं ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की, हालांकि उन्होंने मुलाकात के बाद मीडिया से कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. जानकार बताते हैं कि मुख्यमंत्री के पूर्व के फैसले ही जदयू के लिए गले की फांस बन गये हैं. बिहार में राजग शासनकाल के दौरान नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में उपमुख्यमंत्री रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने सीबीआई द्वारा की गयी छापेमारी पर नीतीश की चुप्पी पर कल प्रश्न उठाते हुए विभिन्न आपराधिक आरोपों के कारण अलग अलग समय में चार मंत्रियों जीतन राम मांझी, रामानंद सिंह, अवधेश कुशवाहा और रामाधार सिंह लिए गये इस्तीफे का हवाला देते हुए नीतीश से लालू के छोटे पुत्र और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी मंत्रिमंडल से हटाये जाने की मांग की थी. बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील सुशील राजद प्रमुख लालू प्रसाद और उनके परिवार के खिलाफ ‘बेनामी संपत्ति ‘ को लेकर पिछले डेढ़ महीने से लगातार आरोप लगाते रहे हैं.