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नीतीश कुमार की खरी-खरी : जिन पर आरोप, वे जनता को दें जवाब

दिन भर चली जदयू की बैठक, कहा-अंतिम दम तक गठबंधन धर्म का करेंगे पालन पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव पर सीबआइ के केस और छापेमारी पर दो टूक कहा कि जिन पर आरोप लगे हैं, उन्हें तथ्यों के आधार पर प्रामाणिक जवाब देना चाहिए. सीएम आवास पर चार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2017 6:42 AM
दिन भर चली जदयू की बैठक, कहा-अंतिम दम तक गठबंधन धर्म का करेंगे पालन
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव पर सीबआइ के केस और छापेमारी पर दो टूक कहा कि जिन पर आरोप लगे हैं, उन्हें तथ्यों के आधार पर प्रामाणिक जवाब देना चाहिए. सीएम आवास पर चार घंटे तक चली जदयू की बैठक में नीतीश कुमार ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों में हम लाेगों ने अपना बेंचमार्क बना रखा है, अब उनको काॅल लेना चाहिए. बैठक के बाद जदयू ने यह साफ कर दिया कि इस मामले में वह भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की अपनी नीति से कोई समझौता नहीं करेगा.
जदयू ने इशारों-इशारों में राजद के उस तर्क को मानने से इनकार कर दिया है, जिसमें कानूनी बाध्यता आने तक उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के इस्तीफा नहीं देने की बात कही गयी है. हालांकि, इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी, लेकिन बैठक के बाद जदयू ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में किसी भी निर्णय से पार्टी और उसके नेता के हाथ नहीं कांप रहे, जदयू और सरकार के मुखिया नीतीश कुमार के हाथ पूरी तरह से मजबूत हैं.
करीब 50 मिनट तक अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि वह अपनी नीतियों से कोई भी समझौता नहीं करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि हमने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को सपोर्ट कर कोई ऐतिहासिक गलती नहीं की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन पर आरोप लगे हैं, उन्हें जनता की अदालत में जाकर सफाई देनी चाहिए.
सभी विधायकों और पार्टी नेताओं की मौजूदगी में चली इस महत्वपूर्ण बैठक में 26 नेताओं ने अपनी बातें रखीं. सबकी बातें सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने अपनी बातें कहीं.
बैठक के बाद करीब 4:30 बजे पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार, डॉ अजय आलोक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जदयू गठबंधन धर्म निबाहना जानता है. उन्होंने राजद और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव का नाम लिये बिना कहा कि हमारी पार्टी की यह अपेक्षा है कि जिन लोगों पर आरोप लगे हैं, उन्हें जनता की अदालत में या सार्वजनिक तौर पर अपनी सफाई देनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी और उनके नेता किसी भी सूरत में भ्रष्टाचार की नीतियों से समझौता नहीं करेंगे. पार्टी ने इसके पहले ऐसे मामलों में चंद घंटों में इस्तीफा ले लिया है.
एक सवाल के जवाब में प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि जदयू को काम पर विश्वास है.
जब प्रवक्ताओं से पूछा गया कि सीएम नीतीश कुमार क्या राजद से डर रहे हैं, तो नीरज कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री के हाथ नहीं कांप रहे हैं. उनके हाथ मजबूत हैं. हम तो कुरबानी देना जानते हैं. लेकिन, हमारी अपेक्षा यह है कि आरोप लगा है, तो आपको ही इसकी सफाई देनी चाहिए. जो आरोप लगे हैं, उनका जवाब देना आपका दायित्व है.
हम उम्मीद करते हैं कि तथ्यों का विवरण वे पेश करेंगे. बैठक में पार्टी के अधिकतर विधायक, मंत्री और नेताओं का कहना था कि गांवों में जनता पूछती है कि उपमुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष के िखलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में जदयू का क्या स्टैंड है. सब यही कहते हैं कि पूर्व में आपका इस तरह के मामलों में जो स्टैंड है, वही रहेगा. किसी भी हाल में इसमें बट्टा नहीं लगना चाहिए. बैठक में सबसे पहले उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह ने अपनी बात रखी.
सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री के आवास पर सीबीआइ की छापेमारी से गांवों में खराब मैसेज गया है. वाणिज्यकर मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, पूर्व विधानसभाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने भी अपनी बातें रखीं. बैठक में सभी विधायक, पार्टी पदाधिकारी, प्रवक्ता और संगठन के सभी नेता मौजूद थे.
उनको काॅल लेना चाहिए, हम लोगों ने तो बेंचमार्क बना रखा है
भ्रष्टाचार के मामले में हमने कभी नहीं किया कोई समझौता
तथ्यों के आधार पर प्रामाणिक जवाब दें
अभी जो जवाब दिया जा रहा, उससे सिर्फ समर्थक हो रहे खुश
हम भी चाहते हैं महागठबंधन की मजबूती
रामनाथ कोविंद को समर्थन देकर नहीं की कोई ऐतिहासिक गलती
चाहे मांझी का मामला हो या रमाधार का, हमने उदाहरण पेश किया है
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि हमने उदाहरण पेश किया है. हमारी पार्टी की सरकार 2005 में बनी, चाहे जीतन राम मांझी का मामला हो या रमाधार सिंह या रामानंद सिंह का, हमने उदाहरण पेश किया है. गठबंधन धर्म का पालन करना हम जानते हैं. अंतिम दम तक इसका पालन करना, यह जनादेश है. सूत्रों के अनुसार, बैठक में नीतीश कुमार ने 1999 में गैसल ट्रेन हादसे के बाद रेल मंत्री के पद से अपने इस्तीफे का जिक्र किया. साथ ही उन्होंने हवाला कांड में लालकृष्ण आडवाणी व शरद यादव के इस्तीफे का भी उदाहरण दिया.

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