एआइसीटीइ से चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश

प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों में नामांकन का मामला पटना : सूबे के प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों में नामांकन हेतु नियम बनाये जाने के मामले में पटना उच्च न्यायालय ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीइ) से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है. वहीं अदालत के आदेश पर आज सूबे के विज्ञान एवं तकनीक विभाग के प्रधान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 13, 2017 8:26 AM
प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों में नामांकन का मामला
पटना : सूबे के प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों में नामांकन हेतु नियम बनाये जाने के मामले में पटना उच्च न्यायालय ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीइ) से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है. वहीं अदालत के आदेश पर आज सूबे के विज्ञान एवं तकनीक विभाग के प्रधान सचिव अदालत में उपस्थित हुए और उन्होंने इस मामले में जवाब दिया.
जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह की एकलपीठ ने नेताजी सुभाष इंजीनियरिंग
कॉलेज की ओर से दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया. प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों में नामांकन हेतु कोई नियम नहीं बनाये जाने को लेकर मंगलवार की सुनवाई में अदालत ने काफी नाराजगी जाहिर करते हुए विज्ञान एवं तकनीक विभाग के प्रधान सचिव को बुधवार को सुनवाई के समय अदालत में उपस्थित होकर जवाब देने का निर्देश दिया था. अदालती आदेश का अनुपालन करते हुए विज्ञान एवं तकनीक विभाग के प्रधान सचिव अदालत में उपस्थित हुए और उन्होंने इस मामले में राज्य सरकार द्वारा नियम बनाने के संबंध में विस्तृत जानकारी अदालत के समक्ष रखी.
हाइकोर्ट ने पीएमसीएच समेत सूबे के विभिन्न जेलों में बंद दबंग कैदियों द्वारा चिकित्सकों की मिलीभगत से अस्पतालों के कैदी वार्ड में जरूरत से ज्यादा समय तक रहने के मामले को गंभीरता से लिया है. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस राजेंद्र मेनन ने विकासचंद्र उर्फ गुड्डू बाबा की ओर से लिखे पत्र पर स्वतः संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका में बदल दिया है.मामले की विस्तृत सुनवाई बाद में की जायेगी.
यूनानी महाविद्यालयों पर सरकार से जवाब
पटना उच्च न्यायालय ने सूबे के यूनानी, आयुर्वेदिक महाविद्यालयों में मूलभूत संसाधनों व शिक्षकों के अभाव मामले में राज्य सरकार से एक सप्ताह के भीतर स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब देने काे कहा है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन व न्यायाधीश डाॅ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने सुधीर कुमार की ओर से दायर लोकहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया.

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