JDU का RJD को खुला अल्टीमेटम, तेजस्वी के मसले पर जल्द करें फैसला
पटना : बिहार की राजनीति में जुबानी जंग से साथ सियासी उबाल जारी है. इसी क्रम में जदयू के प्रवक्ता लगातार हमलावर रूख अपनाये हुए हैं. पार्टी के प्रवक्ता अजय आलोक के बाद जदयू प्रवक्ता सह विधान पार्षद नीरज कुमार ने गुरुवार को इशारों ही इशारों में राजद को अल्टीमेटम दे डाला है. नीरज कुमार […]
पटना : बिहार की राजनीति में जुबानी जंग से साथ सियासी उबाल जारी है. इसी क्रम में जदयू के प्रवक्ता लगातार हमलावर रूख अपनाये हुए हैं. पार्टी के प्रवक्ता अजय आलोक के बाद जदयू प्रवक्ता सह विधान पार्षद नीरज कुमार ने गुरुवार को इशारों ही इशारों में राजद को अल्टीमेटम दे डाला है. नीरज कुमार ने राजद पर पलटवार करते हुए एक बड़ा बयान दिया है. नीरज ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि शहाबुद्दीन के साथ राजद के अन्य विधायकों पर कार्रवाई हुई तो राजद चुप रहा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले का सम्मान किया, लेकिन आज जब तेजस्वी यादव पर आरोप लग रहा है, तो उनकी पार्टी क्यों मुकर रही है और अब उन्हें सीएम नीतीश का फैसला गलत क्यों लग रहा है ?
नीरज कुमार ने कहा कि राजद को स्पष्ट कह दिया गया है कि इस पूरे मामले में अपनी सफाई साक्ष्यों के साथ प्वाइंट वाइज दें, साथ ही उन्होंने कहा कि इस पर राजद को जल्द से जल्द फैसला लेना चाहिए. मीडिया से बातचीत में नीरज ने कहा कि पार्टी अपने स्टैंड और सिद्धांत के साथ कोई समझौता नहीं करेगी. इससे पूर्व राजद के नेता और वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी, प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे और पार्टी के प्रवक्ता मनोज झा मीडिया को यह बता चुके हैं कि राजद के विधानमंडल दल की बैठक में लिये गया फैसले के स्टैंड पर पार्टी कायम है और तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे.
ज्ञात हो कि इससे पूर्व जदयू नेता और प्रवक्ता अजय आलोक ने बुधवार को एक बड़ा बयान देकर सियासत तेज कर दी थी. अजय आलोक ने एक क्षेत्रीय चैनल से बातचीत में कहा था कि राजद महागठबंधन को बचाने के लिए तेजस्वी यादव पर जल्द निर्णय ले. उन्होंने यह भी कहा था कि नीतीश कुमार ने कभी भी सिद्धांतों से समझौता न किया है और ना करेंगे. वो कभी गलत फैसला नहीं ले सकते हैं. वहीं बुधवार को राजद नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा था कि तेजस्वी यादव इस्तीफा नहीं देंगे. बुधवार को ही इस मसले पर जदयू नेता श्याम रजक ने कहा था कि नीतीश कुमार नीति और सिद्धांत पर चलने वाले नेता हैं और उनके पीछे हटने का सवाल ही नहीं पैदा होता. कौन क्या बोलता है, इससे कोई मतलब नहीं है.
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