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जदयू को कड़ा जवाब देने की तैयारी में राजद, लालू प्रसाद के रांची से लौटने पर होगा फैसला

पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफे को लेकर राजद और जदयू आर-पार की लड़ाई की तैयारी करने लगी है. जदयू की ओर से तेजस्वी यादव को मिला चार दिन का अल्टीमेटम पूरा होने में कुछ घंटे बचे हैं. ऐसे में दोनों पार्टियों की ओर से कमर कसी जा रही है. राजद के […]

पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफे को लेकर राजद और जदयू आर-पार की लड़ाई की तैयारी करने लगी है. जदयू की ओर से तेजस्वी यादव को मिला चार दिन का अल्टीमेटम पूरा होने में कुछ घंटे बचे हैं. ऐसे में दोनों पार्टियों की ओर से कमर कसी जा रही है. राजद के प्रवक्ता मनोज झा ने जहां राजद समेत महागठबंधन के नेताओं से अनर्गल बयानबाजी ना करने की सलाह दी है, वहीं जदयू प्रवक्ताओं ने भी बैठक कर रणनीति तय कर रहे हैं. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद अभी रांची के सीबीआई कोर्ट में पेश होने के लिए झारखंड में हैं. शनिवार को वह पटना लौटेंगे. तब तक जदयू की ओर से दिया गया अल्टीमेटम का वक्त भी पूरा हो जायेगा. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि ‘शनि (वार)’ किस पर भारी पड़ता है.

बिहार में महागठबंधन में जारी सियासी बयानबाजी के बीच गुरुवार को मनेर से राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने जदयू पर वार करते हुए यह कह कर भूचाल ला दिया है कि हमारे पास 80 विधायक हैं. हम जो चाहेंगे, वही होगा. किसी के चाहने से तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री से इस्तीफा नहीं देंगे. इसी बीच मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, तेजस्वी यादव इस्तीफा नहीं देंगे. अगर नीतीश कुमार मंत्रिमंडल से बाहर करेंगे, तो मंत्रीमंडल में शामिल राजद के सभी विधायक इस्तीफा दे देंगे. साथ ही राजद ने फैसला किया है कि वह सरकार से ना तो समर्थन वापस लेगी और ना ही महागठबंधन तोड़ेगी.

वहीं, राजद ने जदयू को कड़ा जवाब देने का फैसला कर लिया है. राजद के पलटवार से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब दबाव में आ गये हैं. सूत्रों के मुताबिक, परेशान नीतीश कुमार ने कांग्रेस से बीच-बचाव की गुहार लगायी है. दिल्ली में केसी त्यागी ने भी कहा है कि कांग्रेस बीच-बचाव करे. हालांकि, खबर आ रही है कि कांग्रेस मध्यस्थता को तैयार नहीं है. तेजस्वी के इस्तीफे के मुद्दे पर फंसे नीतीश कुमार को अब कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है. नीतीश कुमार को राजद की रणनीति की खबर मिल चुकी है. वहीं, नीतीश कुमार भी फिलहाल कुर्सी छोड़ने की स्थिति में नहीं हैं.

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने राजद का उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव को घोषित कर चुके हैं. ऐसे में तेजस्वी के इस्तीफे से राजद के भविष्य पर भी सवाल उठने शुरू हो जायेंगे. राजद की पूरी रणनीति तेजस्वी यादव पर टिकी है.

भाजपा नेता संजय टाइगर ने कहा है कि राजद और जदयू का गठबंधन ही सांप-नेवले का गठबंधन था. अब उनकी लड़ाई शरू हो चुकी है. नीतीश कुमार चाहते थे कि सांप भी मर जाये और लाठी भी ना टूटे. वहीं, राजद के मन में है कि हम सबसे बड़े दल हैं. हम इतनी आसानी से क्यों नीतीश के सामने झुक जायेंगे.

जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने राजद को गठबंधन धर्म बताते हुए कहा कि गठबंधन में एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए. महागठबंधन के नेता नीतीश कुमार हैं. तेजस्वी से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस्तीफा लेंगे या मंत्रीमंडल से बाहर कर देंगे, इस पर कुछ भी कहना हमारे लिए मुनासिब नहीं होगा.

वहीं, जदयू के आलोक आनंद ने कहा कि जदयू ने कभी सिद्धांतों के साथ समझौता नहीं किया. राजद का यह कहना कि हमारे पास 80 विधायक हैं, ठीक नहीं है. जनता ने महागठबंधन को अपना मत दिया था, राजद को नहीं.

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